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शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य क्यों करवाती है बिहार सरकार? पढ़िए बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का जवाब

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bihar education minister chandrashekhar interview

“जाहिर सी बात है कि इससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में समस्या आती है, लेकिन यह एक बहाना भी है। मान लीजिए 5 शिक्षक हैं, कोई 1 शिक्षक इसमें इंवॉल्व होते हैं कभी दो शिक्षक इंवॉल्व होते हैं।”


“गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए हम लगातार अपने शिक्षक गणों से अपील कर रहे हैं कि जो शिक्षक उपलब्ध हैं आप, वह कम से कम बच्चों के साथ क्लास लगाइए। ठीक है 5 शिक्षक से काम नहीं चलेगा, आपको 10 की आवश्यकता है लेकिन दस पांच का बहाना करके क्लासेज ना लगे यह तो गलत बात है, एक अपराध है।”

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आगे शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की कमी सरकार धीरे-धीरे पूरी कर रही है और शिक्षा विभाग व्यापक रोजगार पर काम कर रहा है। सरकार 10 लाख लोगों को नौकरी देने जा रही है जिसमें शिक्षा विभाग ही कम से कम 35 % सीट को भरेगा।


आगे शिक्षा मंत्री ने देशवासियों से अपने बच्चों को पढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि जब संघ प्रमुख मोहन भागवत इस तरह के बयान देते हैं कि ‘शिक्षा से अहंकार बढ़ता है’ तो यह चिंताजनक होता है।

“मैं देशवासियों से कहना चाहता हूं की एक शिक्षक, शिक्षा मंत्री बन सकता है इसलिए क्योंकि शिक्षा है उसके पास। शिक्षा नहीं रहती तो हम भी भैंस की पीठ पर डंडा मार रहे होते या जानवर चरा रहे होते। इसलिए एक पेट का दाना काट कर भी, एक टाइम भूखा रहकर भी, बच्चों को पढ़ाने में अपनी पूरी संकल्प शक्ति के साथ, पूरी ताकत लगाइए और बच्चे का बेहतर भविष्य बनाने के लिए उसको पढ़ाई करवाइए,” उन्होंने कहा।

यहां देखिए पूरा इंटरव्यू …


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