Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

बिहार: फिर बाहर निकला डिप्टी सीएम के संबंधियों को नल-जल के ठेके का जिन्न

करीब एक साल पहले लगभग यही वक्त था जब बिहार के कटिहार शहर में तारकेश्वर प्रसाद चर्चा के केंद्र में थे। कारण ये था कि उन पर अपने रिश्तेदारों को अपने क्षेत्र में हर घर नल का जल स्कीम का ठेका दिलवाने का आरोप लगा था।

Main Media Logo PNG Reported By Main Media Desk |
Published On :
bihar deputy cm tarkishore prasad and nal jal yojana

करीब एक साल पहले लगभग यही वक्त था जब बिहार के कटिहार शहर में तारकेश्वर प्रसाद चर्चा के केंद्र में थे। कारण ये था कि उन पर अपने रिश्तेदारों को अपने क्षेत्र में हर घर नल का जल स्कीम का ठेका दिलवाने का आरोप लगा था।


ये आरोप लगाया था क्षेत्र के वरिष्ठ राजद नेता, पूर्व मंत्री राम प्रकाश महतो ने। राम प्रकाश महतो 2020 विधानसभा चुनाव में तारकेश्वर प्रसाद के खिलाफ राजद प्रत्याशी भी बनाये गए थे। उन्होंने बकायदा दस्तावेज के साथ एक स्थानीय वेबपोर्टल टाइम्स न्यूज कटिहार को बताया था कि कटिहार शहर, जो तारकेश्वर प्रसाद का चुनाव क्षेत्र भी है, में नल जल योजना का काम कराने का ठेका तारकेश्वर प्रसाद के दो सालों प्रदीप भगत और बबलू भगत तथा अन्य रिश्तेदारों को दिया गया है।

Also Read Story

अररिया में डेंगू का प्रकोप, बचाव के लिए कराई जा रही फॉगिंग

मृतक हिंदू की अर्थी मुसलमानों ने उठाई, हिंदू रीति से किया अंतिम संस्कार

अररिया: नियम के विरुद्ध जेसीबी से नाला निर्माण के दौरान नल जल पाइप क्षतिग्रस्त

अररिया रेपकांड: हाईकोर्ट ने मेजर को फांसी की सजा रद्द की, दोबारा होगी ट्रायल

चुनाव आयोग ने की सियासी दलों के संग बैठक

नेता भले नीतीश कुमार हैं, लेकिन बीजेपी बने रहना चाहती है बड़ा भाई

सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनी तो महागठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ेंगे वामदल — दीपांकर

बिहार के सीमावर्ती जिला किशनगंज में हुआ पहला Open Mic

मुख्यमंत्री आगमन के कार्यस्थल में कराई जा रही बाल मजदूरी

उन्होंने उस वक्त कहा था (वीडियो मैं मीडिया के पास भी उपलब्ध है) कि उन्हें कुछ ग्रामीणों से शिकायत मिली थी कि उनके क्षेत्र में नल जल स्कीम में खराब क्वालिटी का सामान इस्तेमाल किया जा रहा है। जब वे तहकीकात करने मौके पर गये, तो उन्हें तारकेश्वर प्रसाद के परिजनों को नल योजना का ठेका मिलने की जानकारी मिली। इसके बाद उन्हें तहकीकात की और ये आरोप सच पाया।


उस वक्त ये मुद्दा कटिहार शहर में आग तरह फैल गया था और विपक्षी पार्टियों ने इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया था। मगर चुनाव जीत जाने के बाद तारकेश्वर प्रसाद डिप्टी सीएम बन गये, तो मामला दब गया और लोग भी इसे भूल गये।

लेकिन, बुधवार को अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस में दोबारा ये खबर छपने के बाद कटिहार शहर में ये मुद्दा फिर सुर्खियों में आ गया है।

इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि नल-जल योजना क 53 करोड़ रुपए का ठेका डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद के परिवार व सहयोगियों को मिला है।

Indian Express Story

रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019-2020 में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने नल-जल योजना से संबंधित 36 परियोजना, जो कटिहार की कम से कम 9 पंचायतों में फैली हुई थी, का जिम्मा जिन कंपनियों को दिया गया था, वे डिप्टी सीएम की बहू पूजा कुमारी, साला प्रदीप भगत, सहयोगी प्रशांत चंद्र जायसवाल, ललित किशोर प्रसाद और संतोष कुमार से जुड़ी हुई हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पूजा कुमारी को भवाड़ा पंचायत के चार वार्डों का काम मिला था, जिसके लिए 1.6 करोड़ रुपए खर्च होने थे। डिप्टी सीएम के रिश्तेदार प्रदीप भगत और उनकी पत्नी किरण भगत दीप किरण इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं। इस कंपनी को 3.6 करोड़ रुपए का नल जल प्रोजेक्ट दिया गया। इसी तरह जीवनश्री इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को 110 वार्डों में 48 करोड़ की लागत वाली नल-जल परियोजना का काम सौंपा गया। डिप्टी सीएम के सहयोगी प्रशांत चंद्र जायसवाल, ललित किशोर प्रसाद और संतोष कुमार इस कंपनी में निदेशक हैं।

इस मामले में बिहार के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री व भाजपा नेता राम प्रीत पासवान ने कहा कि उन्हें ऐसी जानकारी मिली है, लेकिन ये नहीं पता है कि डिप्टी सीएम के परिजन व सहयोगियों को ठेका मिला है। अगर लोगों के पास ऐसी जानकारियां हैं, तो वे शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

यहां ये भी बता दें कि सालभर पहले जब ये मामला उछला था, जो तारकेश्वर प्रसाद ने टाइम्स न्यूज कटिहार से कहा था कि वे व्यावसायिक पृष्ठभूमि से आते हैं, उनके परिवार के लोग भी व्यवसाय में हैं। वे अलग-अलग प्रतिष्ठान में अलग-अलग पदों पर हैं।

Bihar Deputy CM Tarkishore Prasad

उन्होंने आगे कहा था, ऐसे में अगर उन्हें ठेका मिलता है और वे व्यवसाय करते हैं, तो इसमें कुछ बुराई नहीं है।

इंडियन एक्सप्रेस के सवाल पर भी उन्होंने पुराना उत्तर ही दोहराया है। उन्होंने कहा, “कटिहार में कुल 2800 नल-जल इकाइयां हैं, जिनमें से केवल चार यूनिट का काम मेरे परिवार को मिला है। व्यवसाय करने में कोई बुराई नहीं है। हां, ये जरूर सुनिश्चित करना चाहिए कि काम में किसी तरह की अनियमितता न हो।”

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Main Media is a hyper-local news platform covering the Seemanchal region, the four districts of Bihar – Kishanganj, Araria, Purnia, and Katihar. It is known for its deep-reported hyper-local reporting on systemic issues in Seemanchal, one of India’s most backward regions which is largely media dark.

Related News

सेविका और सहायिका पद के चयन के लिए आमसभा की बैठक

भारत-नेपाल सीमा पर तैनात SSB जवानों ने ग्रामीणों के साथ किया समन्वय बैठक

सुरजापुरी समाज के उत्थान के लिए कार्यक्रम का आयोजन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

अप्रोच पथ नहीं होने से तीन साल से बेकार पड़ा है कटिहार का यह पुल

पैन से आधार लिंक नहीं कराना पड़ा महंगा, आयकर विभाग ने बैंक खातों से काटे लाखों रुपये

बालाकृष्णन आयोग: मुस्लिम ‘दलित’ जातियां क्यों कर रही SC में शामिल करने की मांग?

362 बच्चों के लिए इस मिडिल स्कूल में हैं सिर्फ तीन कमरे, हाय रे विकास!

सीमांचल में विकास के दावों की पोल खोल रहा कटिहार का बिना अप्रोच वाला पुल