कटिहार: पिछले साल जिले के बारसोई प्रखंड परिसर में बिजली आपूर्ति में अनियमितता के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान फायरिंग में दो लोगों की मृत्यु के मामले में बारसोई के पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) राजेश्वरी पाण्डेय को दोषी पाया गया है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। फिलहाल, वह पूर्वी चम्पारण में आपदा प्रबंधन में अपर समाहर्ता के पद पर कार्यरत हैं।
कटिहार के डीएम ने इस संबंध में इसी साल 3 जुलाई को एक पत्र जारी किया है, जिसमें तत्कालीन एसडीओ पर कार्रवाई की बात कही गई है।
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गौरतलब हो कि पिछले साल 26 जुलाई को बारसोई प्रखंड परिसर में बिजली आपूर्ति में अनियमितता के कारण स्थानीय जन प्रतिनिधियों द्वारा धरना-प्रदर्शन किया गया था।
आरोप है कि तत्कालीन SDO पाण्डेय ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिसके परिणामस्वरूप विधि-व्यवस्था बिगड़ गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें दो लोगों की मृत्यु हो गई और एक व्यक्ति घायल हो गया।
इस घटना के बाद, विभागीय स्तर पर पाण्डेय से स्पष्टीकरण मांगा गया था। अपने जवाब में उन्होंने कहा था कि उन्होंने समय रहते प्रदर्शनकारियों से बातचीत की कोशिश की थी और स्थानीय विधायक से भी स्थिति को संभालने का अनुरोध किया था। लेकिन, प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया और भीड़ ने बिजली कार्यालय में तोड़फोड़ शुरू कर दी। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी।
जिला प्रशासन, उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और इसे प्रशासनिक विफलता करार दिया। अनुशासनिक प्राधिकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी प्रोन्नति पर रोक लगाई (आरोप वर्ष 2023-24) और वेतनवृद्धि असंचयात्मक प्रभाव से रोकने का दंड दिया। इसको लेकर बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने 6 अक्टूबर, 2024 को पत्र जारी किया है।
डीएम व एसपी का दावा झूठा
यहां यह भी बता दें कि बारसोई गोलीकांड के दो दिन बाद तत्कालीन डीएम व एसपी ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर दावा किया था कि पुलिस फायरिंग से किसी की मौत नहीं हुई थी। वहीं, एसपी ने CCTV फुटेज जारी करते हुए कहा था कि किसी असामाजिक तत्व ने आकर दोनों को गोली मारी थी। लेकिन, उक्त पत्र और तत्कालीन एसडीओ पर कार्रवाई से साफ है कि डीएम व एसपी का दावा झूठा था।
‘मैं मीडिया’ ने इस घटना के तुरंत बाद “सीधे माथे पर एनकाउंटर किया गया” – कटिहार में हुई पुलिस फायरिंग पर ग्राउंड रिपोर्ट” शीर्षक से ग्राउंड रिपोर्ट की थी।
घटना के एक साल बाद ‘मैं मीडिया’ ने इस घटना का फॉलोअप किया और “बारसोई गोलीकांड के एक साल बाद न कोई गिरफ्तारी, न कोई मुआवज़ा” शीर्षक से एक विस्तृत ग्राउंड रिपोर्ट की थी जिसमें पुलिस जांच पर सवाल उठाये गये थे।
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