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बहादुरगंज का ‘साइको पुलिसवाला’, क्रूरता के कई मामले आये सामने

अगस्त 2021 में तत्कालीन चीफ जस्टिस एन रमना ने इस पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था कि भारत के पुलिस स्टेशन मानवाधिकार के लिए बड़ा खतरा हैं। उन्होंने कहा था कि हिरासत में पुलिस अत्याचार वे समस्याएं हैं, जो अब भी हमारे समाज में मौजूद हैं।

Tanzil Asif is founder and CEO of Main Media Reported By Tanzil Asif |
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bahadurganj's 'psycho policeman', many cases of cruelty came to light

पुलिस का काम आम जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाये रखना है। लेकिन यही पुलिस वाले जब कानून की धज्जियाँ उड़ाने लगते हैं और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से लेकर स्थानीय नेताओं द्वारा थाने में बहस करने जैसे छोटे-छोटे अपराध के लिए क्रूरता करते हैं, तब आम जनता का पुलिस प्रशासन से भरोसा उठ जाता है। नतीजा ये होता है गाँव से एक पुलिस की गाड़ी भी गुज़रती है तो बच्चे से लेकर बूढ़े डर-सहम जाते हैं।


बीते शनिवार 28 जून, 2025 को 18 वर्षीय सादिक रज़ा घर से चंद किलोमीटर दूर स्थित बाइक शोरूम से अपने चाचा की गाड़ी लेकर घर आ रहा था। तभी बिहार के किशनगंज जिला अंतर्गत LRP चौक पर वाहन चेकिंग कर रही स्थानीय पुलिस ने उसे रोक लिया। सादिक़ के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, इस को लेकर पुलिस वालों से थोड़ी नोकझोंक हुई। इसी पर पुलिस वालों ने उसकी पिटाई कर दी, फिर बदतमीज़ी करने और उपद्रव फैलाने के आरोप में BNSS की धारा 170 के तहत गिरफ्तार कर लिया।

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देर रात तक जब सादिक रज़ा को नहीं छोड़ा गया, तो एक स्थानीय नेता आसिफ रज़ा थाना पहुंचे। मामले को लेकर थाने में तीखी बहस हुई और करीब 2 बजे रात सादिक को छोड़ दिया गया। लेकिन अगले ही दिन आसिफ रज़ा पर पुलिस वालों का आतंक टूट पड़ा। देर रात चार गाड़ियों में पुलिस कर्मचारी आसिफ के घर आये और उसे घर से उठा कर ले गए।


आसिफ की माँ कैंसर पीड़ित है। छोटा भाई भी बीमार है। पिता की मृत्यु हो चुकी है। घर की पूरी ज़िम्मेदारी आसिफ के कंधों पर है। गिरफ्तारी के दूसरे दिन ही वो अपनी माँ को लेकर सिलीगुड़ी इलाज के लिए जाने वाला था। लाचार माँ दुःख बयान करते करते रोने लगती हैं।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में बिहार में पुलिस के खिलाफ 7 मामले दर्ज हुए और कुल 11 पुलिस कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से चार मामलों में ही चार्जशीट दाखिल की गई, लेकिन किसी भी मामले में सजा नहीं मिली।

इस मामले में परिवार और स्थानीय लोगों ने मुख्य तौर पर बहादुरगंज थाने के तत्कालीन अपर थानाध्यक्ष अमित कुमार और थाना अध्यक्ष निशाकांत कुमार पर आरोप लगाए हैं। पिछले कुछ दिनों में मामले ने तूल पकड़ा तो किशनगंज एसपी ने तीन सदस्यीय जांच दल बनाया, साथ ही अमित कुमार और निशाकांत कुमार का तबादला कर दिया। लेकिन, अब उनके विरुद्ध पोठिया, ठाकुरगंज और जोकीहाट से कई ऐसे मामले सामने आये हैं, जहाँ उसने गैरज़रूरी क्रूरता दिखाते हुए स्थानीय लोगों को परेशान किया है।

दुलाली निवासी एहसान आलम बाहर रह कर पढ़ाई करता है। इसी साल जनवरी महीने में एहसान के गिरफ्तारी के लिए पुलिस उसके घर पहुँच गई। एहसान घर पर नहीं था, पुलिस ने घर पर तोड़फोड़ की, उसके भाई जावेद और नाबालिक भांजे मुकर्रम को गिरफ्तार किया। साथ ही बिना किसी महिला पुलिस वाले की मौजूदगी के, एहसान की बहनों को मारा पीटा और उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया।

आम नागरिकों पर पुलिस अत्याचार एक बड़ी समस्या के तौर पर उभर रहा है। अगस्त 2021 में तत्कालीन चीफ जस्टिस एन रमना ने इस पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था कि भारत के पुलिस स्टेशन मानवाधिकार के लिए बड़ा खतरा हैं। उन्होंने कहा था कि हिरासत में पुलिस अत्याचार वे समस्याएं हैं, जो अब भी हमारे समाज में मौजूद हैं।

उनके मुताबिक, पुलिस के इस दुर्व्यवहार के पीछे एक वजह ये भी है कि जब पुलिस के खिलाफ कार्रवाई का सवाल आता है या पुलिस द्वारा अवैध तरीके से गिरफ्तार किये गये लोगों के लिए पैरवी करने की बात आती है, तो उनका पक्ष रखने के लिए कोई वकील नहीं मिलता है।

पुलिस की हालिया कार्रवाइयों से पता चलता है कि जस्टिस रमना ने चार साल पहले जो बातें कही थीं, वे अब भी सच हैं। ऐसे में जरूरी है कि पुलिस सिस्टम में सुधार लाया जाए और पुलिस को मानवीय बनाने की कोशिश हो ताकि लोगों को न्याय मिल सके।

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तंजील आसिफ एक मल्टीमीडिया पत्रकार-सह-उद्यमी हैं। वह 'मैं मीडिया' के संस्थापक और सीईओ हैं। समय-समय पर अन्य प्रकाशनों के लिए भी सीमांचल से ख़बरें लिखते रहे हैं। उनकी ख़बरें The Wire, The Quint, Outlook Magazine, Two Circles, the Milli Gazette आदि में छप चुकी हैं। तंज़ील एक Josh Talks स्पीकर, एक इंजीनियर और एक पार्ट टाइम कवि भी हैं। उन्होंने दिल्ली के भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) से मीडिया की पढ़ाई और जामिआ मिलिया इस्लामिआ से B.Tech की पढ़ाई की है।

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