सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल राज्य के दार्जिलिंग जिलांतर्गत सिलीगुड़ी महकमा स्थित बागडोगरा एयरपोर्ट अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनने जा रहा है। वर्तमान में 1549 करोड़ रुपये की लागत से इस एयरपोर्ट का विस्तारीकण किया जाएगा। इस बहुप्रतीक्षित कार्य योजना को भारत सरकार की कैबिनेट समिति की स्वीकृति मिल गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 16 अगस्त को ही बागडगोरा एयरपोर्ट के विस्तारीकण हेतु 1549 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से नए सिविल एन्क्लेव के विकास के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
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दार्जिलिंग के सांसद और बागडोगरा एयरपोर्ट की सलाहकार समिति के अध्यक्ष राजू बिष्ट ने कहा, “यह दार्जिलिंग पहाड़, तराई और डूआर्स क्षेत्र के विकास के लिए, उनके एक सपने की पूर्ति का प्रतीक है। बागडोगरा एयरपोर्ट का विकास इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय व घरेलू यात्रा, पर्यटन, व्यापार, वाणिज्य और व्यवसाय के विस्तार को सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित होगा। इसके साथ ही यह युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने और उत्तर बंगाल क्षेत्र के मजबूत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में भी बड़े पैमाने पर योगदान देगा।”
कितना बदल जाएगा बागडोगरा एयरपोर्ट?
उत्तर बंगाल का एकमात्र सक्रिय एयरपोर्ट, बागडोगरा एयरपोर्ट, जिस पर कि बिहार के सीमांचल इलाके के आम व खास यात्रियों की हवाई यात्रा भी निर्भर है, अपने विस्तार के बाद काफी बदल जाएगा।
इसकी वर्तमान टर्मिनल बिल्डिंग का क्षेत्रफल लगभग 9,958 वर्ग मीटर है जबकि नई प्रस्तावित टर्मिनल बिल्डिंग 70,390 वर्ग मीटर में फैली होगी, जिसे भविष्य में, आवश्यकतानुसार और 50,000 वर्ग मीटर तक बढ़ाया जा सकता है। नया टर्मिनल मौजूदा टर्मिनल से 500 मीटर दक्षिण में बनाया जाएगा।
वर्तमान टर्मिनल की क्षमता प्रति घंटा औसतन 400-500 यात्रियों को ही सेवा दे पाने की है, नया टर्मिनल बनने से यह क्षमता बढ़कर प्रति घंटा लगभग 3000 यात्रियों तक हो जाएगी। इसी तरह यात्रियों के समायोजन की वर्तमान वार्षिक क्षमता 10 लाख से बढ़ कर एक करोड़ यात्री तक हो जाएगी।
वर्तमान में बागडोगरा एयरपोर्ट से औसतन प्रतिदिन 40 से 60 उड़ानें संचालित होती हैं जो इसके विस्तार के बाद दो से तीन गुना बढ़ जाएंगी। वहीं नियमित अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों की सेवा और रात्रि विमान सेवा भी शुरू हो जाएगी जो कि फिलहाल नहीं है।
बागडोगरा एयरपोर्ट के विस्तार की इस नई परियोजना के प्रमुख घटकों में ए-321 प्रकार के विमानों के लिए उपयुक्त 10 पार्किंग बे, दो लिंक टैक्सी-वे और मल्टी-लेवेल कार पार्किंग को समायोजित करने में सक्षम एप्रन का निर्माण भी शामिल है। यह नई टर्मिनल बिल्डिंग, एक ग्रीन बिल्डिंग होगी जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को भी एकीकृत किया जाएगा और पारिस्थितिकी पदचिह्न को कम करने के लिए प्राकृतिक प्रकाश व्यवस्था को अधिकतम किया जाएगा।
कैसे मिली विस्तारीकरण को हरी झंडी?
बागडोगरा एयरपोर्ट अपनी शुरुआत में मात्र 13-14 एकड़ जमीन में भारतीय वायु सेना के एयरपोर्ट के रूप में स्थापित हुआ। यह कालांतर में नागरिक उड़ानों के लिए भी उपयोग किया जाने लगा। वर्ष 2002 में इसे लिमिटेड इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दर्जा मिला। इस एयरपोर्ट द्वारा रोजाना केवल उत्तर बंगाल ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य सिक्किम और पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों के साथ ही बिहार के सीमांचल क्षेत्र के भी हजारों आम व खास यात्री हवाई यात्रा करते हैं।
इस एयरपोर्ट पर दिन-प्रतिदिन बढ़ती यात्री संख्या और उसी अनुरूप विमान संख्या के दबाव को देखते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसके विस्तार की आवश्यकता महसूस की और भारत सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा। वर्ष 2014-15 में ही इसके विस्तार की कवायद की गई। इसके लिए अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता को देखते हुए पश्चिम बंगाल राज्य सरकार का दरवाजा भी खटखटाया गया। मगर जमीन अधिग्रहण को लेकर काफी अड़चनें उत्पन्न हुईं जिस वजह से इसमें देर हो गई। अंततः पश्चिम बंगाल सरकार ने वर्ष 2020 के अंत में बागडोगरा एयरपोर्ट के विस्तार में जमीन की अड़चन को दूर कर दिया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस परियोजना के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को 104 एकड़ जमीन सौंप दी जो कि बागडोगरा एयरपोर्ट के करीब एक चाय बागान, कुछ रक्षा विभाग और कुछ निजी मालिकान से अधिग्रहित की गई थी। उसके बाद बागडोगरा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के कार्य के टेंडर आदि की प्रक्रिया 2023 के अंत तक पूरी की गई। फिर इस पर काम शुरू ही हो पाता कि लोकसभा चुनाव 2024 आ गया।
उस समय चुनाव से पूर्व ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का शिलान्यास करने वाले थे लेकिन सब कुछ निर्धारित हो जाने के बावजूद अंतिम समय में उन्होंने इसका शिलान्यास नहीं किया। क्योंकि, उसमें कुछ तकनीकी अड़चनें थीं। वह यह कि इस परियोजना के कार्यान्वयन की दिशा में पर्यावरण संबंधी एनओसी नहीं मिल पाया था।
अंततः चुनाव के बाद सारी जटिलताएं दूर हो गईं। अब बागडोगरा एयरपोर्ट के विस्तार का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल्द से जल्द इस कार्य को संपन्न करने का निर्देश दिया है। यह विस्तार कार्य पूरा होते ही बागडोगरा एयरपोर्ट एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित हो जाएगा।
अब यहां से न केवल घरेलू उड़ानों की संख्या काफी बढ़ जाएगी बल्कि रात्रि कालीन उड़ान सेवाएं और अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं भी शुरू हो जाएंगी। इससे इस क्षेत्र में नागरिक उड्डयन को एक नया आयाम मिल जाएगा।
वर्तमान में बागडोगरा एयरपोर्ट से विभिन्न विमानन कंपनियों द्वारा कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ की घरेलू उड़ानें एवं रॉयल भूटान एयरलाइंस के ड्रुक एयर की ओर से पारो से बैंकॉक की एक अन्तर्राष्ट्रीय उड़ान संचालित की जाती है।
बागडोगरा एयरपोर्ट के निदेशक मोहम्मद आरिफ का कहना है, “अपने आप में ही बहुत महत्वपूर्ण एयरपोर्ट बागडोगरा एयरपोर्ट अपने विस्तारीकरण के बाद न केवल उत्तर बंगाल या पूर्वोत्तर भारत बल्कि पूरे देश व दुनिया का एक बहुत ही विकसित एयरपोर्ट हो जाएगा।”
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