सुपौल जिले के वार्ड नंबर 12 की 42 वर्षीय कावो देवी के पति 4 साल पहले गुजर चुके हैं। कावो देवी के तीन बेटे और 2 बेटी हैं। उन्हें राशन कार्ड और विधवा…
आजादी से पहले पिपरा में खाजा बनाने की शुरुआत की गई थी। स्वर्गीय गौनी शाह ने यहां खाजा के कारोबार की शुरुआत की थी।
जनवरी महीने में सुपौल के छातापुर प्रखंड की लक्ष्मीनिया पंचायत स्थित गेंडा नदी पर बने लोहे के पुल की चोरी की घटना सामने आई है।
अभी के हालात को देखें तो लगभग दो दर्जन से भी अधिक देसी प्रजातियों के धान लुप्त होने की कगार पर हैं। साथ ही परम्परागत रूप से उसना चावल व चूड़ा तैयार करने…
गेहूं और धान की तुलना में मक्का, किसानों को ज्यादा फायदा देता है। इसके बावजूद कोसी क्षेत्र के किसान मक्के की खेती से दूर हो रहे हैं।
आत्मनिर्भर भारत और स्वच्छ भारत मिशन का बेहतरीन उदाहरण पेश कर रहे सुपौल के इस कुटीर उद्योग में सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है।
लगभग 48 एकड़ भूमि में फैला बैजनाथपुर पेपर मिल लगभग 45-47 साल से बंद है। हर बार चुनाव होता है, तो इस पेपर मिल का मुद्दा उछलता है, मगर इससे आगे कुछ नहीं…
श्याम सुंदर दास बिहार के सुपौल जिले के प्रतापगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत भवानीपुर दक्षिण वार्ड नंबर 3 के रहने वाले हैं। वह 24 अक्टूबर को 18 साल के बाद पाकिस्तान की जेल से…
कोसी क्षेत्र के प्रसिद्ध डॉक्टर पीके मल्लिक ने सुपौल के गणपतगंज की भूमि पर वैष्णव धर्म की शुरुआत करते हुए विष्णु धाम यानी वरदराज पेरुमल देवस्थान बनाने की शुरुआत की।
सुपौल: 24 अगस्त 2019 की शाम बिहरा थाना क्षेत्र के पुरीख स्थित सहरसा-सुपौल मुख्य मार्ग पर वाटर प्लांट के सामने नरसिंह झा को बाइक सवार बदमाशों ने लूट के दौरान गोली मारकर हत्या…
“पहले मैं 4 बीघा खेत में धान और गेहूं की खेती करता था। इनमें लगभग 2 बीघा खेत की जमीन गहरी थी। जब बारिश ज्यादा होती थी, तो फसल बर्बाद हो जाती थी।…
देश की राजधानी दिल्ली से 1200 और बिहार की राजधानी पटना से 250 किलोमीटर दूर बिहार के सुपौल जिले की लौउढ पंचायत के भैलाई टोले में 200 घर हैं। इनमें सिर्फ दो लोग…
बिहार के सुपौल जिले के गणपतगंज नामक क्षेत्र में स्थित विष्णु मंदिर की तुलना चेन्नई के प्रसिद्ध विष्णु मंदिर से की जाती है। आज के वक्त में कोसी इलाका और सुपौल जिले की…
देश की राजधानी दिल्ली से 1100 किलोमीटर और राज्य की राजधानी पटना से 300 किलोमीटर दूर सुपौल के त्रिवेणीगंज मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित नेपाली गांव के लोगों को…
“ओवर ब्रिज के बारे में 40 वर्षों से सुन रहे हैं। पूरे शहर में जाम लग जाता है इस ओवरब्रिज की वजह से। कई बार जाम की वजह से एंबुलेंस में लोगों की…