शुक्रवार को किशनगंज के एक सरकारी स्कूल में ख़राब मिड डे मील खाने की वजह से तक़रीबन पांच दर्जन बच्चे बीमार पड़ गए थे, जिनको इलाज के लिये सदर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। यह ख़राब भोजन किशनगंज के सरकारी स्कूलों में एमडीएम सप्लाई करने वाली एनजीओ जन चेतना जागृति व शैक्षणिक विकास मंच ने उपलब्ध कराया था। लेकिन, ऐसा लग रहा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस घटना से कुछ भी सबक़ नहीं लिया। शनिवार को भी इसी एनजीओ ने स्कूलों में एमडीएम सप्लाई किया। शनिवार को भी सप्लाई किये एमडीएम में शिकायत मिली। मामला किशनगंज टाउन थाना क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मझिया गांव का है, जहां एनजीओ द्वारा खिचड़ी के साथ बासी आलू का चोखा भेजा गया। बच्चों को खिलाने से पूर्व जब स्कूल की रसोइया ने भोजन को चखा तो पता चला कि आलू का चोखा खट्टा हो चुका है।
आपको बताते चलें कि किशनगंज के स्कूलों में एमडीएम भोजन उपलब्ध करवाने वाली एनजीओ जन चेतना जागृति व शैक्षणिक विकास मंच पहले भी घटिया भोजन उपलब्ध करवाने को लेकर ख़बरों में रही है। लेकिन, इसके बाबजूद शिक्षा विभाग गंभीर नहीं दिख रहा है। मैं मीडिया ने एनजीओ द्वारा संचालित किचन का दौरा किया तो ख़राब क्वालिटी के भोजन का राज़ खुला। हमने पाया कि दिन के समय चावल के गोदाम में एनजीओ का एक कर्मी सो रहा है, पूछने पर बताया कि देर रात खाना पकाने से नींद पूरी नहीं हुई, इसलिये अभी सो रहा है। उन्होंने आगे बताया कि रात एक बजे से खाना पकाना आरंभ होता है।
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अब आप अंदाजा लगाइये कि रात के एक बजे का पका हुआ चावल दस घन्टे के बाद बच्चे ग्रहण करते हैं। यह शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के विपरीत है। शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक पके हुआ भोजन को चार घन्टे के भीतर ही स्कूलों को उपलब्ध करवाना होता है। हाइजिन और साफ सफाई की बात करें तो चावल को जहां साफ कर रखा जाता है, वहां बड़े-बड़े गड्ढे और मिट्टी का ढेर मौजूद हैं। स्कूलों तक भोजन ले जाने वाले बर्तनों की गन्दे पानी में धुलाई और सफाई की जाती है। किचन के अंदर बकरी सहित अन्य जानवरों का आना-जाना लगा रहता है। किचन शेड परिसर में भी गंदगी फैली हुई है।
सवाल है कि आये दिन एनजीओ द्वारा घटिया और बासी भोजन स्कूलों में पहुंचाया जाता है। इसकी शिकायत मिलने के बाबजूद शिक्षा विभाग चुप्पी क्यों साध रखा है। शिक्षा विभाग के अधिकारी साफ-सफाई और हाइजिन को चेक करने के लिए एनजीओ द्वारा स्थापित किचन शेड का समय-समय पर जांच क्यो नहीं करते हैं। क्या शिक्षा विभाग किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है। जब एनजीओ जन चेतना जागृति व शैक्षणिक विकास मंच के व्यवस्थापक विकास से गुणवत्ता पूर्ण भोजन उपलब्ध करवाने और साफ-सफाई से संबंधित सवाल पूछा गया तो वह गोल-गोल घुमाने लगे।
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