बिहार के अररिया जिले में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) पर कमीशन न मिलने के चलते शिक्षकों का एरियर भुगतान रोकने का आरोप लगा है। दरअसल, जिले के कुछ शिक्षकों के बकाया वेतन (एरियर) के भुगतान न होने पर ‘अररिया का मुद्दा’ नामक एक पब्लिक प्लेटफाॅर्म के माध्यम से एक पत्र जिला पदाधिकारी और उच्च विभाग को भेजा गया है।
पत्र में अररिया के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) रवि रंजन पर अररिया और रानीगंज प्रखंड के शिक्षकों के बकाया रकम भुगतान में अनियमितताएं बरतने और कमीशन न मिलने पर शिक्षकों के भुगतान को लंबित करने का आरोप लगाया गया है।
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“नियम संगत तरीका यह था कि सभी शिक्षकों का बकाया अंतर वेतन एकमुश्त एकसाथ भुगतान करना चाहिए था लेकिन नहीं किया गया,” पत्र में लिखा गया।
आवेदक स्थानीय नेता फैसल जावेद यासीन ने पत्र में आगे लिखा, “डीपीओ स्थापना श्री रवि रंजन वर्षों से अररिया में कार्यरत हैं। शिक्षकों की समस्याओं के समाधान को लेकर इनकी गंभीरता नगण्य है। शिक्षकों के साथ इनका व्यवहार भी बहुत ही अमर्यादित रहता है। शिक्षकों में इन्होंने कार्रवाई का ऐसा भय दिखा रखा है कि इनके द्वारा की जा रही उगाही और अमर्यादित व्यवहार पर शिक्षक भय से और अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के लिए कुछ भी बोलने से परहेज़ करते हैं।”
शिक्षकों की बकाया रकम (एरियर), वह बकाया राशि है जो वेतन वृद्धि या ट्रेनिंग के परिणाम में देरी के कारण बाद में भुगतान किया जाता है। अररिया के एक सरकारी विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि जिले में कई शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतन मिलने में दो साल तक की देरी हुई, लेकिन भुगतान सभी को एकसाथ देने के बजाय केवल रिश्वत देने वालों को दिया जा रहा है। जिले में सैकड़ों शिक्षक इससे प्रभावित हैं। शिक्षकों को सालों से एरियर का भुगतान नहीं किया गया है और विभाग को आवेदन देने के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
भुगतान के बदले रिश्वत का आरोप
आवेदक फैसल जावेद यासीन जन सुराज नेता और अररिया क्षेत्र संख्या 18 की जिला परिषद सदस्य सबा फैसल के पति हैं। उन्होंने बताया कि डीपीओ दफ्तर में एरियर के भुगतान के लिए रिश्वत लेने की ख़बरें आती रही हैं।
“रवि रंजन जी हैं डीपीओ, उनके दफ्तर में कमीशन मांगा जाता है। किसी का अगर 2 लाख रुपये है तो कहा जाता है 10%, 5% दीजिये। किसी का एक लाख रुपये है तो वहां के ऑपरेटर या और भी बाकी बिचौलियों के माध्यम से 4 से 5 हज़ार रुपये लिया जाता है। शिक्षकों को डराया जाता है कि आप ज्यादा कुछ बोलेंगे तो ऐसा कर देंगे वैसा कर देंगे,” फैसल यासीन ने कहा।
एरियर भुगतान के बारे में उन्होंने बताया कि बकाया रकम के भुगतान के मामले में रानीगंज और अररिया प्रखंड के 100 से अधिक शिक्षकों के लिखित व मौखिक आवेदन उन्हें प्राप्त हुए। इसके बाद उन्होंने जिला अधिकारी, सीएमओ, शिक्षा विभाग के सचिव समेत कई संबंधित कार्यालयों में आवेदन भेजा। अररिया के डीपीओ स्थापना ने उन्हें आश्वासन दिया है कि सभी शिक्षकों की बकाया रकम देने के प्रक्रिया तेज़ कर दी जाएगी।
टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने क्या कहा
टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जीपी यादव ने हमें बताया कि रानीगंज प्रखंड में बिहार सरकार से मिलने वाली बकाया रकम के मामले में (जीओबी) 400 से अधिक शिक्षकों का एरियर भुगतान करना था। जिला शिक्षा पदाधिकारी के पत्र जारी करने के बाद बिल बनाकर भेजा गया है। आगे उन्होंने कहा, “दो माध्यम से भुगतान होता है एक एसएसए और जीओबी। एसएसए का एरियर मिल गया है लेकिन जीओबी वाला 2019 से नहीं मिला है।”
वहीं, टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ अररिया जिले के समन्वयक सुनील कुमार सिंह ने एरियर भुगतान न होने पर कहा, “मैंने बीओ साहब से बात की है। सोमवार तक (3 मार्च) हो सकता है, हो जायेगा जिला में। कुछ लोग पहले एरियर ले लिए थे और जो बचे हुए हैं उनका बन रहा है, मैंने आज बीओ साहब से मुलाकात की थी, उन्होंने कहा कि सोमवार तक हो जायेगा।”
बकाया रकम न मिलने से शिक्षकों की बढ़ी दिक्कतें
अररिया के रानीगंज प्रखंड स्थित आदर्श मध्य विद्यालय श्यामलाल टोला के शिक्षक राम लाल मंडल उन सैंकड़ों शिक्षकों में से एक हैं जिन्हें बकाया रकम का भुगतान नहीं किया गया है। उनके विद्यालय के सभी शिक्षकों का जीओबी एरियर अटका हुआ है।
वह कहते हैं, “लगभग 6 साल होने वाला है लेकिन एरियर नहीं मिला। कई बार बिल बन गया लेकिन पैमेंट नहीं मिला। किसी का एक लाख किसी का 90 हज़ार किसी का 1 लाख दस हज़ार, इसी तरह से है। मेरा 88,000 एरियर बकाया है। अभी विभागीय स्तर से बिल बनाया है। कई बार विभाग में पता करने पर कहा गया कि आवंटन नहीं है। कई साल से इसे टाला जा रहा है।”
आगे उन्होंने कहा कि बकाया रकम भुगतान न होने से उनके जीवन में बड़ी कठिनाई आती है। उन्होंने बैंक से लोन भी लिया है जिसकी किश्त पूरी करने में उन्होंने काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
“बहुत परेशानी है। जैसे तैसे किसी तरह मैनेज करते हैं। काफी दिक्कत होती है क्योंकि सामान लेना है, घर का किराया देना है। हम भी लोन लिए हुए हैं, ईएमआई के लिए बैंक से बार बार फ़ोन आ रहा है। क्या करेंगे, जनवरी का वेतन नहीं मिला, उधर 6 साल का एरियर नहीं मिला। मिल जाता तो बैंक में जो पेनल्टी लग रहा है वो नहीं लगता। पेट्रोल खर्च है, घर का भाड़ा है, राशन पानी है। बहुत परेशानी होती है,” शिक्षक रामलाल मंडल बोले।
एक और शिक्षक अजय मौर्या ने बताया कि उनकी बकाया रकम करीब 1 लाख 4,000 रुपये हो चुकी है। स्थानीय संबंधित दफ्तरों में कभी आवंटन न होने, तो कभी बिल भेजने के बावजूद भुगतान न होने का हवाला देकर भुगतान नहीं किया जाता है। आगे उन्होंने बताया कि ऐसी खबरें आ रही हैं कि 3 मार्च तक बकाया रकम का इनवॉइस बन जाएगा।
रानीगंज प्रखंड स्थित यूएचएस परमानंदपुर में कार्यरत अजय को प्राण (PRAN) नंबर मिलने के बावजूद बकाया एरियर का भुगतान नहीं किया गया है। वह कहते हैं, “मेरा एरियर 1 लाख 4 हज़ार रुपये बाकी होगा। जो पैसा बकाया है वो अगर उस समय मिल गया होता तो उससे कुछ कार्य कर लिए होते। अभी इतनी महंगाई बढ़ चुकी है। परेशानी तो होगी न, आर्थिक स्थिति चरमराएगी। हमलोगों का सारा खर्च इसी वेतन पर निर्भर है।”
प्राण (PRAN) नंबर, यानी परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से जुड़ने वाले व्यक्तियों को दिया जाने वाला एक 12-अंकीय खाता नंबर होता है।
डीपीओ रवि रंजन ने आरोपों को बताया तथ्यहीन
हमने इस मामले में अररिया डीपीओ रवि रंजन से बात की। उन्होंने जिले के शिक्षकों का किसी भी तरह का कोई बकाया रकम होने की बात से इंकार किया।
उन्होंने कहा, “आज की तारीख में मेरे कार्यालय में कोई बकाया रकम लंबित नहीं है। इस तरह की सभी सूचना बिलकुल गलत है। जो आवेदन दिया गया वो तथ्यहीन है। सिर्फ लिख देने से नहीं होता है, आप साक्ष्य देंगे न। मैं तो मानहानि का केस करूँगा ऐसे लोगों पर। एक टीईटी संघ का नेता है उसने मेरे महिला ऑपरेटर के साथ बदतमीज़ी की। उसको मैंने डांटा था और स्पष्टीकरण मैंने किया है तो कार्यालय में प्रेशर बनाने के लिए वो ऐसा कर रहा है। इसके पीछे की राजनीति आप समझिये।”
वह आगे कहते हैं, “मैं वीसी (वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग) में था, हमलोग डीओ साहब के साथ बैठे हुए थे। महिला ऑपरेटर ने बदतमीज़ी की लिखित शिकायत की और डीओ साहब ने कहा कि वह कार्यवाई करेंगे उस पर। मैं साढ़े तीन साल से यहां हूँ। आज तक मुझपर इस तरह का आरोप नहीं लगा और उसको मैंने स्पष्टीकरण भेजा तो वह आरोप लगाना शुरू कर दिया। वह धमकी भी दिया कि ‘हम शिक्षक संघ के नेता हैं, ऑफिस को यह कर देंगे वह कर देंगे।’ उसके ऊपर कायदे से एफआईआर होना चाहिए।”
ऊपर जिस टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ (टीएसएसपी) के नेता का ज़िक्र है हमने उनसे बात की। टीएसएसपी के जिलाध्यक्ष आफताब फ़िरोज़ आलम ने बताया कि बीते 25 फरवरी को वह डीएओ दफ्तर में अपने PRAN नंबर की जानकारी लेने गए थे, जहां कुर्सी पर बैठने पर ऑपरेटर मनीषा कुमारी ने आपत्ति जताई। इसके बाद 28 फरवरी को अररिया के डीपीओ स्थापना रवि रंजन ने उन्हें इस घटना का स्पष्टीकरण मांगा। इसके बाद डीपीओ स्थापना ने 1 मार्च को कोषागार विभाग की महिला ऑपरेटर मनीषा कुमारी से स्पष्टीकरण माँगा।
खबर लिखे जाने तक मिली जानकारी के अनुसार टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आफताब फ़िरोज़ आलम के जवाब देने के बाद डीपीओ स्थापना ने निकाले गए स्पष्टीकरण पत्र को रद्द कर दिया है।
शिक्षकों की बकाया रकम के मामले में डीपीओ स्थापना रवि रंजन ने ‘मैं मीडिया’ से बताया कि बीते 28 फरवरी को उन्होंने सभी पेंडेंसी को जिला शिक्षा अधिकारी से स्वीकृति दिला दी है। सभी पेंडेंसी कोषागार भेज दिया गया है।
“मेरे पास प्राण का कोई लंबित आवेदन नहीं है। जितने लोगों ने आवेदन दिया सबको मैंने फॉरवर्ड कर दिया है। मेरे कार्यालय में जितना आवेदन आता है मैं वो कोषागार को फॉरवर्ड कर देता हूँ,” डीपीओ स्थापना रवि रंजन बोले।
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