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बिहार में सिर्फ कागज़ों पर चल रहे शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज़ केंद्र?

बिहार के कटिहार ज़िले में शिक्षा सेवकों और तालीमी मरकज़ केंद्रों को लेकर कई अनियमितताएं सामने आई हैं। एक आरटीआई के माध्यम से बलरामपुर प्रखंड में संचालित इन केंद्रों की जानकारी मांगी गई थी।

Aaquil Jawed Reported By Aaquil Jawed |
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are shiksha sevaks and talimi markaz centres only functioning on paper in bihar

बिहार के कटिहार ज़िले में शिक्षा सेवकों और तालीमी मरकज़ केंद्रों को लेकर कई अनियमितताएं सामने आई हैं। एक आरटीआई के माध्यम से बलरामपुर प्रखंड में संचालित इन केंद्रों की जानकारी मांगी गई थी।


आरटीआई में बताया गया कि सिंहागांव पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय हजियार पलसा में कार्यरत शिक्षा सेवक अनिता कुमारी द्वारा पलसा के दुर्गा मंदिर परिसर में एक साक्षरता केंद्र और एक उपचारात्मक केंद्र संचालित किया जा रहा है। लेकिन जब हमारी टीम वहां पहुंची, तो साक्षरता केंद्र का कोई प्रमाण नहीं मिला।

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सिंहागांव पंचायत के प्राथमिक विद्यालय महेशबथना में कार्यरत शिक्षा सेवक गंगा भारती का साक्षरता केंद्र हवामहल में दर्शाया गया है। लेकिन वहां पहुंचने पर पता चला कि वह जगह काफी जर्जर हालत में है। हवामहल में जलावन और कचरे का ढेर था और वहां जानवर घूम रहे थे।


स्थानीय महिला प्रमिला देवी ने बताया कि कुछ महीने पहले एक महिला गांव की महिलाओं के नाम लिखकर ले गई थी, लेकिन अब तक कोई शिक्षा सेवक पढ़ाने नहीं आया। उनके गांव में बच्चों के लिए कोई स्कूल नहीं है। दूसरे वार्ड में स्थित सरकारी विद्यालय से एक महिला बच्चों को स्कूल ले जाती है।

जब हम प्राथमिक विद्यालय महेशबथना में गंगा भारती से उनका पक्ष जानने पहुंचे, तो वे स्कूल में मौजूद नहीं थीं। प्रधानाध्यापक ने बताया कि उनकी तबीयत खराब है।

आरटीआई के अनुसार, प्राथमिक विद्यालय जयपुरा के शिक्षा सेवक महेंद्र प्रसाद बसाक, जयपुरा गांव निवासी दिलीप के घर पर उपचारात्मक और साक्षरता केंद्र संचालित करते हैं। लेकिन वहां पहुंचने पर दिलीप के पिता गोपाल बसाक ने बताया कि उनके बेटे के घर पर कोई ऐसा केंद्र नहीं चलता है।

ऐसी ही स्थिति शरीफ नगर पंचायत के नीमनगर गांव में भी देखने को मिली। आरटीआई के अनुसार, सलाम के बैठक में एक साक्षरता केंद्र है, जिसे शिक्षा सेवक नाजेमा खातून चलाती हैं। लेकिन गांव के निवासी सलाम को इस केंद्र के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

जब हमने नाजेमा खातून से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि उनका केंद्र किसी और स्थान पर चल रहा है।

इसी गांव में दूसरा साक्षरता केंद्र इस्माइल के दरवाज़े पर बताया गया है, जहां दोपहर 2 बजे महिलाओं को पढ़ाया जाता है। लेकिन जब हम वहां निर्धारित समय पर पहुंचे, तो न कोई महिला मौजूद थी, न ही कोई शिक्षा सेवक। स्थानीय लोगों को भी इस केंद्र की कोई जानकारी नहीं थी।

आरटीआई के अनुसार, लोहागढ़ा पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मल्लिकपुर में कार्यरत मूलचंद बसाक और बुलु मोदक का साक्षरता केंद्र चौपाल टोला मल्लिकपुर में है। दोनों शिक्षा सेवकों का कहना है कि उनका केंद्र अब किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित हो गया है और आरटीआई में दी गई जानकारी पुरानी है।

इस मामले में केआरपी बलरामपुर अरुणा कुमारी का कहना है कि शिक्षा सेवकों की हाज़िरी संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक बनाते हैं। इसलिए सेंटर चल रहा है या नहीं, यह वही बता सकते हैं। शिक्षा सेवकों को जो कार्य सौंपा जाता है, उसकी ज़िम्मेदारी हेडमास्टर की होती है।

इसके बाद हमने बलरामपुर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुमन दुबे से बात की। उन्होंने माना कि कुछ शिक्षण केंद्र वास्तव में अस्तित्व में नहीं हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षा सेवकों की निगरानी केआरपी करते हैं, लेकिन वे उनके अधीन नहीं होते। केआरपी को निर्देश डीपीओ कार्यालय से मिलते हैं।

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Aaquil Jawed is the founder of The Loudspeaker Group, known for organising Open Mic events and news related activities in Seemanchal area, primarily in Katihar district of Bihar. He writes on issues in and around his village.

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