Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

अररिया: अज्ञात बीमारी से बच्चों की मौत की जांच के लिए पटना से सर्वेक्षण टीम पहुंची

अररिया के रानीगंज प्रखंड के चिरवाहा महादलित टोले में अज्ञात बीमारी से बच्चों की मौत की जांच के लिए पटना से 10 सदस्यीय सर्वेक्षण टीम पहुंची है।

ved prakash Reported By Ved Prakash |
Published On :
araria survey team arrived from patna to investigate the death of children due to unknown disease

अररिया के रानीगंज प्रखंड के चिरवाहा महादलित टोले में अज्ञात बीमारी से बच्चों की मौत की जांच के लिए पटना से 10 सदस्यीय सर्वेक्षण टीम पहुंची है। इस टीम में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और स्वास्थ्य विभाग के 8 अधिकारी शामिल हैं।


टीम ने प्रभावित गांव में मच्छर और पीने के पानी के सैंपल लिए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। साथ ही, टीम ने कुपोषण के पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित किया, क्योंकि इस महादलित टोले में 15 बच्चे कुपोषित पाए गए हैं।

Also Read Story

किशनगंज: नशे से हारती ज़िंदगी और सुनसान सरकारी नशा मुक्ति केंद्र

बिहार की ममता कर्मी क्यों कर रही हैं प्रदर्शन?

किशनगंज के एक ही गाँव में एक सप्ताह में तीन बच्चों की मौत, सैंपल की हो रही जांच

बिहार में एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर क्यों हैं?

बिहार में इन 26 प्रखंडों में बनेंगे 30 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, निर्माण के लिए टेंडर निकला

किशनगंज के प्राइवेट नर्सिंग होम में लापरवाही से महिला की मौत, डॉक्टर ने माना ट्रेंड स्टाफ की कमी

क्या बिहार में कुपोषण से हो रही महादलित बच्चों की मौत?

वर्षों से अनुपस्थित बिहार के सात सरकारी डॉक्टर बर्खास्त, पांच सीमांचल के

अज्ञात बीमारी से अररिया में तीन बच्चों और दो बुजुर्गों की मौत

राज्य सर्वेक्षण अधिकारी डॉ. रंजीत कुमार, जो टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, ने बताया कि मच्छर के लार्वा, पीने के पानी और कुपोषित बच्चों से संबंधित डाटा लिया गया है। इन सभी बिंदुओं पर गहन जांच के बाद 14 सितंबर को सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।


गौरतलब है कि पिछले 10 दिनों में मझुआ पूरब पंचायत के चिरवाहा महादलित टोले में 5 बच्चों की अज्ञात बीमारी से मौत हो चुकी है। संदेह जताया जा रहा है कि बच्चों की मौत AES (एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम) / JE (जापानी इंसेफेलाइटिस) या फिर मस्तिष्क ज्वर के कारण हो सकती है।

डॉ. रंजीत कुमार ने बताया कि 10 साल पहले भी इस गांव में बच्चों की मौत हुई थी। इसलिए इस घटना की पुनरावृत्ति के कारणों की भी जांच की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि क्यों इस गांव में बार-बार इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

अररिया में जन्मे वेद प्रकाश ने सर्वप्रथम दैनिक हिंदुस्तान कार्यालय में 2008 में फोटो भेजने का काम किया हालांकि उस वक्त पत्रकारिता से नहीं जुड़े थे। 2016 में डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कदम रखा। सीमांचल में आने वाली बाढ़ की समस्या को लेकर मुखर रहे हैं।

Related News

पॉलीमेलिया: छह पैरों वाले बछड़े का जन्म क्या कोई चमत्कार है?

कटिहार में ओवरलोडेड प्रतिबंधित जुगाड़ गाड़ी दुर्घटना ने चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी

पूर्णिया में डेंगू के तीन मरीज़ मिले, सिविल सर्जन ने कहा- ‘सफाई का रखें ख़्याल’

किशनगंज में बग़ैर सीजर के महिला ने 5 बच्चों को दिया जन्म, मां और बच्चे स्वस्थ

सरकारी योजनाओं से क्यों वंचित हैं बिहार के कुष्ठ रोगी

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को कैंसर, नहीं करेंगे चुनाव प्रचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

सड़क निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने किया विरोध

Ground Report

सड़क निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने किया विरोध

वर्षों से पुल के इंतजार में कटिहार का कोल्हा घाट

किशनगंज ईदगाह विवाद: किसने फैलाई बिहार बनाम बंगाल की अफवाह?

दशकों के इंतज़ार के बाद बन रही रोड, अब अनियमितता से परेशान ग्रामीण

बिहार में सिर्फ कागज़ों पर चल रहे शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज़ केंद्र?