अररिया नगर परिषद का वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट अब तक पास नहीं हो सका है, जिससे शहर के विकास कार्यों पर गंभीर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। बजट पास न होने की प्रमुख वजह नगर परिषद के पार्षदों के बीच मतभेद बताया जा रहा है। नगर परिषद के 29 में से 16 पार्षदों ने नगर आयुक्त पूर्णिया और नगर विकास विभाग पटना को शिकायत पत्र भेजकर मुख्य पार्षद पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
2022 में पहली बार जनता द्वारा सीधे वोट देकर मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद का चुनाव किया गया था, लेकिन 2024 के बजट को लेकर उत्पन्न विवाद ने नगर परिषद के संचालन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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बैठकें रद्द होने का सिलसिला जारी
9 मार्च 2024 को पहली बैठक बुलाई गई थी, लेकिन पार्षदों के बीच विवाद के चलते बैठक को रद्द करना पड़ा। इसके बाद 13 मार्च 2024 को नगर कार्यपालक पदाधिकारी भवेश कुमार के अनुरोध पर एसडीओ की उपस्थिति में दूसरी बैठक आयोजित की गई, लेकिन फिर से पार्षदों के बीच नोंक-झोंक के कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया। इस दौरान मुख्य पार्षद ने नगर कार्यपालक पदाधिकारी पर कई आरोप लगाए, जिससे विवाद और गहरा गया।
एक स्थानीय जानकार ने बताया, “1967 में नगर परिषद के गठन के बाद से अब तक ऐसा विवाद कभी नहीं देखा गया। यह पहली बार है जब दंडाधिकारी की नियुक्ति कर बैठक करानी पड़ी।”
5 अगस्त 2024 को नगर परिषद की पुनः बैठक बुलाई गई, जिसमें सभी वार्ड पार्षदों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में भी बजट पर सहमति नहीं बन पाई और मुख्य पार्षद ने बैठक को स्थगित कर दिया। विरोधी धड़े के पार्षदों का आरोप है कि मुख्य पार्षद अपनी मनमर्जी से कार्य करना चाहते हैं और उनकी राय की अनदेखी की जा रही है।
वार्ड 14 की वार्ड पार्षद देबोश्री घोष के पति भरत ने बताया, “मुख्य पार्षद मनमाने तरीके से काम करना चाहते हैं। हम पार्षदों की राय लेना बहुत जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा। हम खुद चाहते हैं कि बजट पास हो और अररिया का विकास हो, लेकिन जब तक हम बजट को पूरी तरह समझ नहीं लेते, उसे कैसे पास कर सकते हैं?”
उन्होंने आगे कहा, “5 अगस्त को हमें बैठक के लिए बुलाया गया था, लेकिन बजट पर चर्चा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। बजट को समझने और अपनी राय देने के लिए सप्ताह भर का समय चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”
वार्ड 16 की पार्षद नीतू कुमारी ने कहा, “हमें बैठक के लिए बुलाया गया था और बताया गया कि बजट पास करना है। लेकिन जब तक हम बजट को समझ नहीं लेते, उसे कैसे पास कर सकते हैं? पहले हमें बजट की कॉपी दी जानी चाहिए थी, ताकि हम उसे समझ सकें और अपनी जरूरतों के अनुसार सुझाव दे सकें।”
विरोधी पार्षदों ने भेजा शिकायत पत्र
मुख्य पार्षद की कार्यशैली से नाराज 16 पार्षदों ने नगर आयुक्त पूर्णिया और नगर विकास विभाग पटना को शिकायत पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि मुख्य पार्षद अपने मनमाने एजेंडे को पार्षदों पर थोपने की कोशिश कर रहे हैं।
शिकायत पत्र में लिखा गया है, “मुख्य पार्षद द्वारा 9 मार्च और 13 मार्च 2024 को आयोजित बैठकें सिर्फ उनके निजी हितों को साधने के लिए बुलाई गई थीं, जिसमें शहर के विकास को प्राथमिकता नहीं दी गई। जब 16 पार्षदों ने इस एजेंडे का विरोध किया, तो मुख्य पार्षद ने बैठक को ही रद्द कर दिया। 5 अगस्त 2024 को भी बजट पर चर्चा के दौरान बैठक को बीच में ही स्थगित कर दिया गया। लगातार तीन बैठकों के रद्द होने से अररिया का विकास ठप हो गया है।”
शिकायत करने वालों में शामिल वार्ड पार्षद प्रतिनिधि, भरत नगर पालिका अधिनियम की धारा 25 (4) का हवाला देते हुए कार्रवाई की मांग करते हैं।
नगर पालिका अधिनियम की धारा 25 (4) के अनुसार, अगर कोई मुख्य पार्षद बिना समुचित कारण के लगातार तीन बैठकें रद्द करता है या अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करता, तो सरकार उसे पद से हटा सकती है। इस धारा के तहत मुख्य पार्षद को अपने कर्तव्यों के पालन में विफल पाए जाने पर स्पष्टीकरण देने का मौका मिलता है, लेकिन यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होता, तो उसे पद से हटाया जा सकता है।
मुख्य पार्षद की प्रतिक्रिया
मुख्य पार्षद विजय मिश्र ने बैठक स्थगित होने पर सफाई देते हुए कहा, “बैठक को स्थगित किया गया है, बजट अभी पास नहीं हुआ है। हम अगली बैठक में बजट को पास करने का प्रयास करेंगे।” उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पार्षदों की राय को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है, बल्कि उनके सुझावों पर भी विचार किया जा रहा है।
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