अररिया: लगातार जिले में 2 दिनों से भारी बारिश होने के कारण नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। कई इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। जानकारी के अनुसार बारिश नेपाल की तराई इलाकों में भी हो रहा है। जिससे नेपाल से अररिया जिले से गुजरने वाली कई नदियां उफान पर हैं।
जिनमें कनकई, नुना, परमान, रतवा, बकरा जैसी नदियों में जल स्तर काफी बढ़ गया है। जलस्तर बढ़ने से जिले का सबसे ज्यादा प्रभावित प्रखंड सिकटी है। जहां नुना नदी ने कहर ढा रखा है। दर्जनों गांव को अपने चपेट में ले लिया है। कई दर्जन कच्चे मकान ध्वस्त हो चुके हैं। नदी की बहाव में कई ग्रामीण सड़कें ध्वस्त हो चुकी है। कुल मिलाकर कहा जाए तो लोगों का जीना मुहाल हो रहा है।
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बाढ़ का प्रभाव सिकटी, पलासी, जोकीहाट, अररिया के मदनपुर, कसैला, पोखरिया सहित नरपतगंज और फारबिसगंज में भी बेहतर नहीं है। लोगों का मानना है कि अगर इसी तरह से बारिश होती रही तो कई गांव जलमग्न हो जाएंगे। ये स्थिति मॉनसून के शुरुआती दौर में ही बाढ़ अपना रौद्र रूप धारण कर रही है। बतादें कि सिकटी प्रखंड सबसे ज्यादा इससे प्रभावित है। जिसमें सिकटी प्रखंड के पड़रिया, सैदाबाद, रानी कट्टा, धनगामा, कचना, घोड़ा चौक, औलाबाड़ी, सिंघया, बांसबाड़ी, बुगलाडांगी सहित कई गांव में बाढ़ का कहर जारी है। वही फारबिसगंज अनुमंडल के पिपरा, कुशमाहा, सबाजपुर, खवासपुर, रमई, मटियारी, हलहलिया, जैसे जगह पर नदी का पानी रिहायशी इलाके में भी घुस गया है।
साथ ही पलासी प्रखंड की बात करें तो रतवा और बकरा नदी उफान पर है। नकटाखुर्द पंचायत के नकटाकला बलदाती गांव के बीच सड़क नदी में विलीन हो गया है। इससे आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है। पलासी प्रखंड के डेहती पंचायत होकर गुजरने वाली सड़क पर बकरा नदी पर बने पुल का एप्रोच बह जाने से आवागमन बाधित हो गया है। कह सकते हैं कि बारिश के शुरुआती दिन में ही हालात बेहतर नहीं है।
आधा दर्जन से ज्यादा बार रूट बदल चुकी है नेपाल सीमा पर स्थित नूना नदी
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