अररिया: अररिया में एक ऐसी सड़क भी है जो पिछले डेढ़ दशक से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। इस महत्वपूर्ण सड़क पर अब वाहनों की आवाजाही नहीं के बराबर होती है। यह सड़क अररिया शहर के चांदनी चौक से अररिया कोर्ट रेलवे स्टेशन तक जाती है।
सड़क की स्थिति इतनी खराब है कि इन पर रिक्शा का तो जाना बंद ही हो गया है। अब ऑटो और टोटो भी नहीं के बराबर चलते हैं। अररिया कोर्ट रेलवे स्टेशन होने के कारण यात्रियों को वहां से उतर कर दूसरी जगह जाने में अब भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस सड़क को बनवाने की जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा है, इसलिए यह सड़क आज कई वर्षों से यूं ही जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़ी है।
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वर्षों से मिल रहा सिर्फ आश्वासन
अररिया चांदनी चौक से लेकर कोर्ट रेलवे स्टेशन तक जाने वाली इस सड़क के बीच कई महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय भी हैं। इनमें जिला कृषि कार्यालय, अररिया अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र, प्रखंड कार्यालय, अंचल कार्यालय, जिला निबंधन व परामर्श केंद्र, दिव्यांगों का बुनियाद केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र आदि शामिल हैं। लेकिन, सरकारी उदासीनता के कारण यह सड़क पिछले डेढ़ दशकों से टूटी फूटी हालत में है। इसी सड़क से होकर अररिया के विधायक आबिदूर रहमान के आवास चंद्रदेई जाने का रास्ता भी है।
महत्वपूर्ण सड़क के बनाने के सवाल को लेकर अररिया विधायक आबिदुर रहमान ने बीते वर्षों में कई दफा कहा था कि विभाग से सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और जल्द ही इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। लेकिन, कई वर्षों के बाद भी इस सड़क का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है।
मैं मीडिया के ताजा सवाल पर उनका कहना है कि हम लोग प्रयासरत हैं और जल्द ही इस दिशा में कार्य होगा।
आंदोलन का भी नहीं हुआ असर
इस महत्वपूर्ण सड़क के जीर्णोद्धार को लेकर लगातार सामाजिक कार्यकर्ता आंदोलन करते आ रहे हैं। कई बार कार्यकर्ताओं ने भूख हड़ताल भी की और सड़क को बनवाने के लिए हाथों में बैनर लेकर प्रदर्शन भी किया। लेकिन, इन प्रदर्शनकारियों को सिर्फ सरकारी आश्वासन ही मिला कि जल्द इस दिशा में कार्य होगा। लेकिन, आज तक इस सड़क को नहीं बनवाया गया।
हाल के दिनों में इस सड़क में ज्यादा गड्ढे होने के कारण जगह जगह पर रेत और पत्थर के कुछ टुकड़े डाल दिये गए। लोगों को उम्मीद थी कि सड़क बनना शुरू होगा। लेकिन वह बना नहीं, सिर्फ गड्ढों को भर दिया गया। इसका नतीजा यह निकला कि अब इस सड़क पर धूल मिट्टी का गुबार रहता है।
अगर कोई चार चक्का वाहन यहां से गुजर जाए तो पैदल चलने वाले को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ता है और धूल मिट्टी के कारण चलना दूभर हो जाता है।
बारिश के दिनों में इस सड़क के गड्ढों पर इस तरह पानी जमा हो जाता है कि यहां बाइक या साइकिल लेकर भी गुजरना मुश्किल हो जाता है।
फंड नहीं होने का रोना
जिला परिषद अध्यक्ष आफताब अजीम पप्पू ने बताया कि यह सड़क जिला परिषद के अधीन है। लेकिन, जिला परिषद के पास उतना फंड नहीं होता कि इस सड़क का निर्माण कराया जा सके।
उन्होंने बताया कि चांदनी चौक से लेकर चंद्रदेई तक की सड़क जिला परिषद के अधीन है। कोर्ट रेलवे क्रॉसिंग के बाद सड़क को दूसरे विभाग के द्वारा बनवाया तो गया है, लेकिन कोर्ट रेलवे स्टेशन तक 2.2 किलोमीटर की यह सड़क नहीं बन पायी।
जिप अध्यक्ष ने बताया, “हम लोगों ने इस सड़क को पीडब्ल्यूडी के अधीन करने को लेकर जिला पदाधिकारी से बात की है। अगर यह सड़क पीडब्ल्यूडी अपने अधीन कर लेती है, तो निश्चित रूप से इस सड़क का कायाकल्प हो जाएगा। हम लोग प्रयासरत हैं कि इस सड़क का स्थानांतरण पीडब्ल्यूडी को कर दिया जाए। लेकिन, कागजी प्रक्रिया के तहत यह अभी तक नहीं हो पाया है।”
उन्होंने बताया कि वर्तमान जिला पदाधिकारी से बात हुई है। उन्होंने कहा है कि जल्द इस दिशा में कार्य होगा और उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्द ही इस सड़क का कायाकल्प हो जाएगा।
कोर्ट रेलवे स्टेशन जा रहे टोटो चालक शमशाद आलम ने बताया, “हमारी मजबूरी है कि इस रास्ते से जाना पड़ता है। रास्ता इतना खराब है कि इस पर टोटो लेकर चलना बड़ी दुर्घटना को निमंत्रण देने जैसा है। कई बार टोटो यहां सड़क के गड्ढे में पलट भी गया है, यात्रियों को चोट भी आई है।
शमशाद कहते हैं, “यही सड़क हमलोगों का रूट है क्योंकि कई दूर की गाड़ियां सिर्फ कोर्ट रेलवे स्टेशन पर ही ठहरती हैं, इसलिए हमारी मजबूरी है।”
“यात्रियों को लोकल ट्रेन पकड़ना होता है, तो वे अररिया आरएस चले जाते हैं, क्योंकि वहां तक जाने के लिए सड़क अच्छी है।”
ऑटो लेकर जा रहे चालक ने बताया कि रोजी रोटी का सवाल है, इसलिए इस सड़क पर आना हम लोगों की मजबूरी है। वरना इस सड़क पर कौन जाना चाहेगा, जहां गड्ढे ही गड्ढे हैं।
“अभी हाल के दिनों में बालू डाला गया है। इससे इतनी धूल उड़ती है कि यहां से गुजरना मुश्किल हो रहा है,” उक्त चालक ने कहा।
कई टोटो चालक ने बताया कि इस रास्ते पर यात्री बहुत मिलते हैं जिन्हें प्रखंड कार्यालय, जिला कृषि विज्ञान केंद्र आदि जगहों पर जाना होता है, लेकिन वे लोग वहां का पैसेंजर नहीं उठाते। सीधा कोर्ट रेलवे स्टेशन का ही पैसेंजर उठाते हैं, क्योंकि वहां से लौटते वक्त उन्हें कुछ यात्री मिल जाते हैं।
उनका कहना है कि इस सड़क का यही हाल रहा तो अब इस पर वाहन नहीं चलेगा। “हम लोग भी मांग करते हैं कि इस सड़क का जल्द से जल्द जीर्णोद्धार किया जाए ताकि आवागमन सुचारू रूप से हो सके,” उन्होंने कहा।
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