कटिहार जिले के बलरामपुर से भाकपा माले विधायक महबूब आलम ने भूमि सर्वेक्षण के दौरान उत्पन्न कथित अराजकता पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण प्रक्रिया में काफी अराजकता की स्थिति बनी हुई है, जिससे लोग बेहद परेशान हैं और स्थिति हाहाकार जैसी है। लोगों को उचित जानकारी नहीं मिल पा रही है, जिससे उनका हक और अधिकार अधर में लटका हुआ है।
महबूब आलम ने कटिहार के जिलाधिकारी से मांग की है कि प्रत्येक प्रखंड और पंचायत में विशेष शिविर आयोजित किए जाएं, जहां रैयतधारियों को उनके अधिकारों और भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया के बारे में स्पष्ट जानकारी दी जाए। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि एक बुकलेट छपवाई जाए, जिसमें सर्वेक्षण के बाद की आवश्यक प्रक्रियाओं को विस्तार से समझाया जाए, ताकि लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें।
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महबूब आलम ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में लूट की संभावना बनी हुई है, और गरीब-मजलूम उजड़ने के कगार पर हैं। उन्होंने कहा कि भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन आवंटित करने और लाल कार्ड धारियों की जमीनों पर चल रहे उजाड़ने के अभियान का वह विरोध कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भाकपा माले और आदिवासी संघर्ष मोर्चा इस मुद्दे पर सक्रिय हैं और अगर जल्द ही स्थिति स्पष्ट नहीं की गई, तो बड़े स्तर पर संघर्ष की संभावना है।
इस मामले में वह जिलाधिकारी से बात करेंगे, ताकि भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया को सही दिशा में ले जाया जा सके और भू-माफियाओं और अपराधियों से लोगों को मुक्ति दिलाई जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि कई जगहों पर सर्वेक्षण में लोगों के नाम छूट रहे हैं, जिसका कारण ऑपरेटरों को जानकारी का अभाव है। इस पर सुधार की आवश्यकता है, और अगर सुधार नहीं होता है तो भाकपा माले जोरदार आंदोलन करेगी।
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