किशनगंज के जनता हाट में बीते शुक्रवार, 30 सितंबर को तकरीबन आठ घंटे सड़क जाम को लेकर स्थानीय कोचाधामन थाने में 30 से ज़्यादा नामजद लोगों पर दंगा करने, अवरोध, शांति भंग करने के लिए प्राथमिकी (FIR) दर्ज़ की गई है। आरोपियों पर भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की धाराएं 147, 148, 149, 341, 342, 323, 504, 353, 337, 338 और 188 लगाई गई हैं।
दरअसल, किशनगंज के बहादुरगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत अलताबाड़ी गाँव में पास ही दरनीय हाट में ज़मीन के एक टुकड़े को लेकर विवाद चल रहा है। इसी बीच, विगत 9 अगस्त, 2022 को पीड़ित परिवार के शकील अख्तर का शव उसके घर के करीब मिला। इससे पहले शकील ने किशनगंज प्रशासन को आवेदन देकर अपनी हत्या का संदेह जाहिर किया था। कुछ ज़मीन और रक़म के एवज में मामले को पंचायत कर रफा-दफा कर दिया गया।
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लेकिन, बाद में पंचायत के फैसले पर बात नहीं बनी और शकील के साले मिनहाज़ ने कानूनी रास्ता अपनाने का फैसला लिया। इसी दौरान किशनगंज शहर से वापस लौटते हुए 28 अगस्त, 2022 की शाम को मिनहाज़ घायल अवस्था में किशनगंज ब्लॉक चौक के करीब एक पुल के पास मिला। अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गई।
मिनहाज़ के शव को लेकर ग्रामीणों ने जनता हाट में शुक्रवार को तकरीबन आठ घंटे सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। इसी को लेकर चार दिन बाद मंगलवार को ग्रामीणों पर प्राथमिकी दर्ज़ की गई।
परिवार से मिले आपदा प्रबंधन मंत्री
मामले को लेकर गुरुवार को बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज़ मृतक शकील अख्तर और मिनहाज़ आलम के परिवार से मिलने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने परिवार को न्याय का आश्वासन दिया। मंत्री ने मौके से किशनगंज एसपी और पूर्णिया IG से मामले को लेकर बात की और प्रदर्शनकारियों पर हुई FIR को मानवीय आधार पर खत्म करने को कहा।

जानकारी के अनुसार, मिनहाज़ आलम की पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट 10 अक्टूबर को आ सकती है। उसके बाद ही मामले की जांच आगे बढ़ पाएगी।
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