सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर जदयू अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े लोगों की एक बैठक हुई जिसमें मुख्यमंत्री नितीश कुमार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए किए गए कार्यों पर चर्चा की गई ।
बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, जदयू प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश कुशवाहा, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन विभाग मंत्री संजय झा, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मंत्री जमां खान वह अन्य मौजूद थे।
इस दौरान कोचाधामन के पूर्व विधायक मुजाहिद आलम ने बिहार सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए किए गए कार्य की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहज और निष्कपट नीतियों से राज्य में अल्पसंख्यक आबादी को लाभ पहुंचाने का काम किया गया। उन्होंने आगे कहा, “चाहे मदरसा का मामला हो, तालीमी मरकज हो, कब्रिस्तान घेराबंदी, उर्दू शिक्षकों, उर्दू अनुवादक, सहायक उर्दू अनुवादक की बहाली, अल्पसंख्यकों के लिए यूपीएससी, बीपीएससी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग की व्यवस्था, अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का निर्माण, अल्पसंख्यक ऋण की व्यवस्था, इस सरकार ने निष्ठा और ईमानदारी से काम किया है।”
पूर्व जदयू विधायक ने एआईएमआईएम(AIMIM) की आलोचना करते हुए कहा, “2020 के विधानसभा चुनाव में किस तरह से लोगों को गुमराह कर वोट लेने का काम किया। खूद बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी साहब ने कोचाधामन में रेलवे स्टेशन बनाने, टेढ़ागाछ में डिग्री कॉलेज,अमौर में ओवैसी हॉस्पिटल निर्माण कराने का वादा किया था। साथ में एएमयू सेंटर किशनगंज को फंड, सुरजापुरी मुस्लिम बिरादरी को केंद्र में OBC की सूची में शामिल करने का वादा किया था।”
उन्होंने आगे कहा, “एआईएमआईएम के नेताओं के द्वारा सीमांचल के लिए स्पेशल पैकेज दिलवाने की बात कही गई थी। ढाई साल होने जा रहा है परंतु अभी तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। एआईएमआईएम ने चुनाव में इंजीनियरिंग कॉलेज को डिटेंशन सेंटर बता कर वोट लेने का काम किया।”
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