AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए वक्फ संशोधन बिल को भारतीय मुसलमानों के खिलाफ एक साजिश बताते हुए इसे मुसलमानों के ताबूत पर आखिरी कील करार दिया। अख्तरुल ईमान ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह बिल केवल सरकार की नाकामियों को छुपाने का एक षडयंत्र है।
उन्होंने कहा, “मोदी हुकूमत अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए वक्फ संशोधन कानून लाने की साजिश कर रही है। लोकसभा चुनाव से पहले मुसलमानों की दाढ़ी, टोपी और बुलडोजर का सहारा लेकर, राम मंदिर निर्माण के जरिए चार सौ पार का सपना देख रही थी, लेकिन जब यह सपना अधूरा रह गया, तो अब वक्फ संशोधन बिल लाकर मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है।”
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अख्तरुल ईमान ने कहा कि इससे पहले धारा 370, एनआरसी और तीन तलाक जैसे कानून मुसलमानों को चिढ़ाने और उन्हें हाशिए पर लाने के लिए लाए गए थे। उन्होंने कहा, “अगर वक्फ संशोधन बिल पास हो गया, तो बीजेपी के लोग समाज को जातिवाद के नाम पर बांट देंगे। मुसलमानों को उनके कब्रिस्तान में दफनाने का भी मौका नहीं मिलेगा और मस्जिदों के दरवाजे बंद हो जाएंगे।”
अख्तरुल ईमान ने इस मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, “इस वक्त बिहार के मुख्यमंत्री के लिए अग्निपरीक्षा की घड़ी है। वे कहते हैं कि बीजेपी के एजेंडों को जमीन पर लागू नहीं होने देंगे, लेकिन तीन तलाक और धारा 370 जैसे मामलों में उन्होंने भाजपा का साथ दिया। अब JPC (संयुक्त संसदीय समिति) में इनका असली चेहरा सामने आएगा।”
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वक्फ संशोधन बिल पास हुआ, तो इससे भारतीय मुसलमानों को उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित कर दिया जाएगा और उनके धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जाएगा।
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