गुरुवार दोपहर अररिया सदर अस्पताल के पुराने भवन में अचानक लगी आग ने अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया। यह भवन अस्पताल के कैदी वार्ड, नशा मुक्ति केंद्र, डायलिसिस यूनिट, सिविल सर्जन कार्यालय, उपाधीक्षक कार्यालय तथा अन्य प्रशासनिक इकाइयों का केंद्र था।
आग लगने की सूचना मिलते ही अस्पताल में मौजूद मरीजों और कर्मचारियों को तत्परता से बाहर निकाल लिया गया। भवन में मौजूद छह मरीजों को स्थानीय लोगों की सहायता से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
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घटना की जानकारी मिलते ही अनुमंडल पदाधिकारी अनिकेत कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राम पुकार सिंह, नगर थाना पुलिस और दमकल विभाग की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग की तीव्रता को देखते हुए पूर्णिया और किशनगंज जिलों से अतिरिक्त दमकल गाड़ियां मंगाई गईं। कुल 13 दमकल गाड़ियों की सहायता से करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
स्थानीय लोगों ने दमकल गाड़ियों के देर से पहुंचने पर नाराजगी जताई और कहा कि समय पर कार्रवाई होती तो स्थिति को और बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सकता था। इसके बावजूद, प्रशासन और दमकल कर्मियों की सजगता से बड़ी त्रासदी टल गई।
अररिया डीएम अनिल कुमार ने बताया कि यह भवन पुराना होने के कारण इसमें फायर फाइटिंग की कोई व्यवस्था नहीं थी, जबकि नई इमारत में सभी जरूरी उपकरण मौजूद हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आग के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है।
एसडीएम अनिकेत कुमार ने बताया कि आग बुझाने में स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया, जिन्हें आगामी स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ. के. के. कश्यप ने बताया कि आग के कारणों और नुकसान का विस्तृत आकलन जांच के बाद ही किया जा सकेगा, हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई है।
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