बिहार के किशनगंज के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मरुआ टोली में मिड डे मील खाने की वजह से दर्जनों बच्चे बीमार हो गए। स्कूल के शिक्षकों ने आनन-फानन में इलाज के लिए बीमार बच्चों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज चल रहा है। कई बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। किशनगंज के सरकारी स्कूलों में भोजन उपलब्ध करवाने वाली जन चेतना जागृति व शैक्षणिक विकास मंच नामक एनजीओ द्वारा यह एमडीएम उपलब्ध करवाया गया था। भोजन ग्रहण करने के बाद बच्चों को चक्कर आने लगा और वे उल्टी करने लगे। अधिकतर बच्चों ने पेट में दर्द की शिकायत भी की।
एक साथ इतने बच्चों के अस्पताल में भर्ती कराने से वहां अफरा-तफरी मच गई। सदर अस्पताल में एक ही चिकित्सक के भरोसे दर्जनों बच्चे का इलाज करने को लेकर स्थानीय लोगों ने सदर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा किया। बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि मिड डे मील में छिपकली मिलने की वजह से बच्चे बीमार पड़ गए। अभिभावकों ने एनजीओ के ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
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कांग्रेस के किशनगंज ज़िला अध्यक्ष इमाम अली चिंटू ने घटना को लेकर बिहार सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सदर अस्पताल के सीएस के रवैये पर भी नाराज़गी जतायी। उन्होंने कहा कि बच्चों को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन सिर्फ एक डॉक्टर के भरोसे इलाज चल रहा है।
आपको बता दें कि किशनगंज के स्कूलों में एमडीएम भोजन उपलब्ध करवाने वाली एनजीओ जन चेतना जागृति व शैक्षणिक विकास मंच पहले भी घटिया भोजन उपलब्ध करवाने को लेकर चर्चा में रही है। इसके बाबजूद शिक्षा विभाग गंभीर नहीं दिख रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर सही समय पर एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई की गयी होती तो आज ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती। घटना को लेकर एमडीएम के ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी नूपुर प्रसाद ने बताया कि एनजीओ को ब्लैकलिस्ट करने के लिये विभाग को पत्र लिखा गया है। यह पूछने पर कि क्या कल भी वही एनजीओ द्वारा स्कूल में भोजन उपलब्ध करवाया जायेगा, इसके जवाब में डीपीओ ने कहा – नो कमेंट।
किशनगंज जिला प्रशासन द्वारा जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार कुल 59 छात्र-छात्राओं को सदर अस्पताल में ईलाज हेतु लाया गया। जिनमें एक बच्चे के पेट में दर्द तथा दो बच्चों को उलटी से संबंधित समस्या थी, 56 बच्चें सामान्य थे, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों द्वारा डिस्चार्ज कर दिया गया। घटना के संबंध में तत्काल NGO जन चेतना जागृति, शैक्षणिक सुधार मंच और स्कूल के प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है। डीएम तुषार सिंगला ने तीन सदस्यीय जाँच टीम का गठन किया है।
घटना की सूचना पर किशनगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी ज़फ़र आलम ने बीमार बच्चों से मिलकर मामले की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि फ़िलहाल हमारी प्राथमिकता बच्चों का सही इलाज कराना है, जिलाधिकारी के आदेश के बाद भोजन उपलब्ध करवाने वाले एनजीओ के ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई की जायेगी।
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