Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

बिहार में पिछले दस सालों में खुले 157 मेडिकल कॉलेज? स्वास्थ्य मंत्री के दावे का फैक्ट चेक

स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग मंत्री और वर्तमान भाजपा अध्यक्ष का यह जवाब कितना सही है, यह जानने के लिए हमने सरकारी आंकड़े खंगाले।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
Published On :
157 medical colleges opened in bihar in the last ten years fact check of the health minister's claim

बिहार में मेडिकल कॉलेज के निर्माण को लेकर बीते 28 मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कुछ आंकड़े पेश किये। उन्होंने कहा कि बिहार में 157 कॉलेज खोले गए।


दरअसल, बिहार के औरंगाबाद लोकसभा सीट से सांसद अभय कुशवाहा ने 28 मार्च को बिहार में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल को लेकर सवाल पूछे।

Also Read Story

Fact Check: Kishanganj को लेकर अफवाह फैला रहा Jitendra, PM Modi भी हैं follower

Fact Check: बिहार में जहरीली शराब से मौत को लेकर विधानसभा में मंत्री ने दिए गलत आंकड़े?

Fact Check: अररिया में कर्ज़ में डूबे परिवार ने 9 हज़ार रुपये में अपने डेढ़ वर्षीय बेटे को बेचा?

Fact Check: क्या गोपालगंज में भारत बंद समर्थकों ने स्कूल बस में आग लगाई?

लोकसभा चुनावों से जोड़कर कन्हैया कुमार की 8 साल पुरानी फोटो वायरल

पीएम मोदी के लिए वोट की अपील करते राहुल गांधी का एडिटेड वीडियो वायरल

बिहार में राहुल गांधी के भाषण का एडिटेड वीडियो गलत दावों के साथ वायरल

Fact Check: क्या सच में तेजस्वी की पत्नी ने जदयू विधायकों के गायब होने का दावा किया?

Fact Check: क्या बिहार के स्कूलों में हिन्दू पर्वों का अवकाश घटाकर मुस्लिम त्यौहारों की छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं?

उन्होंने पूछा कि राज्य में कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) और जिला अस्पताल काम कर रहे हैं और क्या सरकार बिहार में नए PHC, CHC और जिला अस्पताल बनाने की योजना बना रही है? इसके अलावा उन्होंने पूछा कि बिहार के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है।


इसके जवाब में मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि स्वास्थ सेवाओं का कार्यान्वयन राज्य सरकार के हाथों में होता है। केंद्र सरकार केवल तकनीकी और आर्थिक सहायता करती है। उन्होंने अपने जवाब में दावा किया कि बिहार में पिछले दस सालों में 157 मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं।

नड्डा ने सदन में कहा, “यह जो आप ने मेडिकल कॉलेज की बात की, आप ने खुद कहा कि (बिहार) में 11 मेडिकल कॉलेज हैं। शायद संख्या और बढ़ी है उसकी। बिहार ने एक लंबी… 157 मेडिकल कॉलेज प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में खुले हैं पिछले दस सालों में।”

वह आगे बोले, “अब देखिये बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर में कितनी वृद्धि हुई है। मुजफ्फरपुर में बहुत बड़ा कैंसर का सेंटर स्थापित किया गया। नया ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ दरभंगा में आ रहा है। एक ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ पटना में स्थापित होकर कोविड 19 में बहुत बड़ा योगदान किया मानवता की सेवा के लिए।”

बिहार नहीं, देश में खुले 157 मेडिकल कॉलेज

स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग मंत्री और वर्तमान भाजपा अध्यक्ष का यह जवाब कितना सही है, यह जानने के लिए हमने सरकारी आंकड़े खंगाले। बीते 7 फरवरी को कर्नाटक की हावेरी लोकसभा सीट से भाजपा सांसद बसवराज सोमप्पा बोम्मई ने 2014 की तुलना में वर्तमान में देश में चल रहे तमाम मेडिकल कॉलेजों की जानकारी मांगी।

इसके उत्तर में स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि देशभर में 2014 में 404 मेडिकल कॉलेज थे जो अब 780 हो गए हैं। 157 नए मेडिकल कॉलेज मंज़ूर किये गए हैं जिनमें से 131 कार्यरत हैं। स्वास्थ मंत्री जेपी नड्डा द्वारा बताई गई संख्या बिहार के नहीं बल्कि देश में 2014 के बाद से खोले गए कुल मेडिकल कॉलेज के आंकड़े हैं।

बिहार के इन जिलों को मिल चुका है मेडिकल कॉलेज

बीते वर्ष 13 दिसंबर को गोपालगंज से जदयू सांसद डॉ. अलोक कुमार सुमन ने पूछा कि क्या देशभर और खासतौर पर बिहार में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव मिले हैं? अगर हां, तो राज्यवार जानकारी क्या है?

इसी पर स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल द्वारा मिले जवाब में बताया गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की केंद्रीय प्रायोजित योजना (CSS) के तहत, पिछड़े और वंचित क्षेत्रों में नए मेडिकल कॉलेज खोले जाते हैं, जहां पहले से कोई सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज नहीं है। इसमें उत्तर-पूर्वी और विशेष राज्यों के लिए 90:10 (90% केंद्र सरकार, 10% राज्य सरकार) और अन्य राज्यों के लिए 60:40 (60% केंद्र सरकार, 40% राज्य सरकार) अनुपात में फंड दिया जाता है। इस योजना के तहत बिहार में 8 मेडिकल कॉलेज मंजूर किए गए हैं।

कुल तीन चरणों में प्रस्तावित हुए इन मेडिकल कॉलेजों में बिहार में पहले चरण में 3 मेडिकल कॉलेज पूर्णिया, सारण और समस्तीपुर में प्रस्तावित हुए। दूसरे चरण में राज्य में पांच मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हुए इनमें सीतामढ़ी, झंझारपुर, सिवान, बक्सर और जमुई के मेडिकल कॉलेज शामिल रहे। तीसरे चरण में बिहार से कोई मेडिकल कॉलेज स्वीकृत नहीं हुआ। बता दें कि कुल 8 स्वीकृत मेडिकल कॉलेज में पूर्णिया, सारण और समस्तीपुर में मेडिकल कॉलेज चालू हो चुका है।

इसी वर्ष 14 फरवरी को बिहार कैबिनेट की बैठक में अररिया और खगड़िया जिले में मेडिकल कॉलेज को मंज़ूरी दी गई। अररिया में 401.78 करोड़ और खगड़िया में 460.56 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेज के निर्माण की घोषणा की गई।

इसके बाद 25 फरवरी को हुई बैठक में बिहार कैबिनेट ने बांका, नवादा, जहानाबाद, कैमूर और औरंगाबाद जिले में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किया। बांका में 402.31 करोड़, नवादा में 401.68 करोड़, जहानाबाद में 402.19 करोड़, कैमूर में 402.14 करोड़ और औरंगाबाद में 400.29 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेज का निर्माण होगा। इन छह मेडिकल कॉलेजों की घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान की थी।

0657

इतने मेडिकल कॉलेज हैं निर्माणाधीन

गौरतलब हो कि बिहार में एक दर्जन से अधिक मेडिकल कॉलेज व अस्पताल निर्माणाधीन हैं। इनमें से कुछ मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन भी हो चुका है।

बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (BMSICL) से मिली जानकारी के अनुसार, हाल के दिनों में बिहार के जमुई, बक्सर, सिवान, पूर्णिया, छपरा, समस्तीपुर, वैशाली, आरा, बेगूसराय, गोपालगंज, मुंगेर, सुपौल और मधुबनी में मेडिकल कॉलेज व अस्पताल प्रस्तावित हुए। इनमें से पूर्णिया, छपरा और समस्तीपुर में मेडिकल कॉलेज व अस्पताल का उद्घाटन हो चुका है। ध्यान रहे कि इस लेख में बताये गए सभी आंकड़ों में केवल सरकारी मेडिकल कॉलेजों का ही ज़िक्र किया गया है।

इसके अलावा पटना में 5,000 बेड की क्षमता वाले पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) और दरभंगा में 1700 बेड की क्षमता वाले दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (DMCH) के पुनर्विकास का काम भी निर्माणाधीन है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

Related News

Fact Check: BPSC शिक्षक बहाली को लेकर News18 ने किशनगंज के इस गाँव के बारे में किया झूठा दावा

India Today ने Assam के युवक की Kishanganj में हत्या की अफ़वाह फैलायी?

पूर्णिया: पाकिस्तानी झंडे की अफवाह के बाद मीडिया ने महिला को किया प्रताड़ित

सीमांचल में पलायन नहीं कर रहे हिन्दू, दैनिक जागरण के झूठ का पर्दाफाश

Fact Check: क्या दुनिया में सबसे ज्यादा बच्चे किशनगंज, अररिया में पैदा होते हैं?

स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी: आधी हकीकत, आधा फसाना

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

सड़क निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने किया विरोध

Ground Report

सड़क निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने किया विरोध

वर्षों से पुल के इंतजार में कटिहार का कोल्हा घाट

किशनगंज ईदगाह विवाद: किसने फैलाई बिहार बनाम बंगाल की अफवाह?

दशकों के इंतज़ार के बाद बन रही रोड, अब अनियमितता से परेशान ग्रामीण

बिहार में सिर्फ कागज़ों पर चल रहे शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज़ केंद्र?