Main Media

Get Latest Hindi News (हिंदी न्यूज़), Hindi Samachar

Support Us

13 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी का बिहार के एक छोटे-से गांव से IPL तक का सफर

राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1 करोड़ 10 लाख की राशि में खरीदा है। वैभव अगले तीन आईपीएल सीज़न तक राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते नज़र आएंगे।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
Published On :
13 year old vaibhav suryavanshi's journey from a small village in bihar to ipl

बिहार क्रिकेट के लिए 25 नवंबर सोमवार की शाम यादगार साबित हुई। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 की नीलामी में बिहार के वैभव सूर्यवंशी को राजस्थान रॉयल्स ने अपनी टीम में शामिल किया। वैभव, इतिहास बनाते हुए आईपीएल में खरीदे जाने वाले सबसे कम आयु के क्रिकेटर बन गए हैं। राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1 करोड़ 10 लाख की राशि में खरीदा है। वैभव अगले तीन आईपीएल सीज़न तक राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते नज़र आएंगे।


बिहार के समस्तीपुर जिलांतर्गत मोतीपुर गांव के वैभव सूर्यवंशी ने महज़ 13 वर्ष और 243 दिनों की आयु में आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट अपने नाम कर लिया है। सऊदी अरब के जेद्दाह में हुई नीलामी के दूसरे दिन 30 लाख के बेस प्राइस वाले खिलाड़ी संख्या 491 वैभव सूर्यवंशी का नंबर आया। सबसे पहले दिल्ली कैपिटल्स ने वैभव के लिए ऑक्शन पैडल उठाया और फिर राजस्थान रॉयल्स भी नीलामी में कूद पड़ा।

Also Read Story

हादसे से उबर कर पूर्णिया की ग़ज़ाला आफ़रीन ने BPSC परीक्षा में लाया 15वां रैंक

शादी के बाद BPSC क्रैक कर अफसर बनी किशनगंज की शाहिना बेगम

गुदरी का लाल: आँखों में रौशनी नहीं होने के बावजूद कैसे दौड़ में चैंपियन बना सीमांचल का मुरसलीम

मिलिए BPSC इंजीनियरिंग असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के टॉपर ज़ोहेब हसन से

किशनगंज के अज़हर इक़बाल बने Shark Tank India के नए जज

मेहनत इतनी खामोशी से करो कि कामयाबी शोर मचा दे: बिहार इंटर टॉपर मोहद्देसा

कुल्हैया मुस्लिम समाज की महिला पहली बार बनीं सब इंस्पेक्टर

पिता का सपना, बेटी का संकल्प: BPSC परीक्षा में सफल होने वाली पहली मुस्लिम सुरजापुरी महिला

चंद सेकेंड में 30 लाख रुपये से शुरू हुई बोली 1 करोड़ तक पहुँच गई। दिल्ली कैपिटल्स ने 13 वर्षीय वैभव के लिए 1 करोड़ की बोली लगाई तो राजस्थान रॉयल्स फ्रैंचाइज़ के मालिक मनोज बदाले ने कोच राहुल द्रविड़ की तरफ देखा तो द्रविड़ ने उन्हें बोली जारी रखने को कहा। 1 करोड़ 10 लाख रुपये पर दिल्ली कैपिटल्स के सह -मालिक किरण कुमार गांधी ने आगे बोली लगाने से इंकार किया और इस तरह वैभव सूर्यवंशी आईपीएल इतिहास में बिकने वाले सबसे कम आयु के खिलाड़ी बन गए।


“यह पूरे बिहार के लिए गर्व का पल है और आने वाले जेनेरेशन के लिए यह एक प्रेरणास्रोत है। बाकी बच्चे भी वैभव से सीख सकते हैं कि ये इतने कम समय में अपनी मेहनत के दम पर सफलता पा सकता है तो और लोग भी कर सकते हैं,” वैभव के कोच मनीष ओझा ने ‘मैं मीडिया’ से कहा।

राहुल द्रविड़ को खूब भाया बिहार का वैभव

राजस्थान रॉयल्स के मुख्य कोच व विश्व क्रिकेट के सबसे सफलतम बल्लेबाज़ों में से एक राहुल द्रविड़ वैभव की प्रतिभा से काफी प्रभावित हैं। उन्होंने आईपीएल चैनल पर टीम की संरचना के बारे में बात करते हुए बिहार के 13 वर्षीय खिलाड़ी की जमकर तारीफ की।

“वैभव हमारे ट्रायल में आए थे। हमने जो देखा उससे हम काफी खुश थे। मुझे लगता है कि उनके पास बहुत अच्छे स्किल्स हैं इसलिए हमने सोचा कि उनके विकसित होने के लिए यह बहुत अच्छा माहौल हो सकता है,” आईपीएल सोशल मीडिया चैनल पर राहुल द्रविड़ बोले।

नीलामी के बाद एक इंटरव्यू में राजस्थान रॉयल्स के सीईओ जेक लश मैक्रम ने बताया कि वैभव को कुछ दिनों पहले नागपुर स्थित राजस्थान रॉयल्स के परफॉरमेंस सेंटर बुलाया गया था। वैभव की बल्लेबाज़ी से परफॉरमेंस सेंटर में मौजूद कोचिंग स्टाफ काफी प्रभावित हुए थे।

“वह एक अविश्वसनीय प्रतिभा है। आने वाले महीनों में वैभव को विकसित करने के लिए बहुत काम किया जाएगा, वह काफी प्रतिभाशाली है और हम उन्हें फ्रेंचाइजी का हिस्सा बनाने पर बहुत उत्साहित हैं,” एक इंटरव्यू में रॉयल्स के सीईओ मैक्रम ने कहा।

नागपर में ट्रायल के दौरान वैभव की बल्लेबाज़ी से रॉयल्स के बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ काफी प्रभावित हुए थे। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत में वैभव सूर्यवंशी के पिता संजीव सूर्यवंशी नागपुर ट्रायल के बारे में कहते हैं, “विक्रम राठौड़ सर ने एक मैच की स्थिति बताई जहां उन्हें एक ओवर में 17 रन बनाने थे। वैभव ने एक ओवर में 3 छक्का मारा और ट्रायल्स में आठ छक्का और चार चौका मारा।”

कौन हैं वैभव सूर्यवंशी?

वैभव सूर्यवंशी का परिवार बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर प्रखंड स्थित मोतीपुर गांव से ताल्लुक रखता है। उनका जन्म 27 मार्च 2011 को हुआ। पिता संजीव सूर्यवंशी की मानें तो वैभव ने 5 साल से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था।

बेटे में क्रिकेट की लगन देख संजीव वैभव को समस्तीपुर और पटना के पेशेवर क्रिकेट गुरुओं के पास सिखाने ले जाते रहे। 8 साल की आयु में वैभव ने डिस्ट्रिक्ट अंडर 19 ट्रायल में सबको प्रभावित किया और इस तरह वैभव का पेशेवर क्रिकेट का सफर शुरू हो गया। 25 नवंबर को वैभव सूर्यवंशी गोपालगंज के साकिब हुसैन के बाद बिहार राज्य टीम से खेलकर आईपीएल तक पहुंचने वाले दूसरे खिलाड़ी बने।

“वह सिर्फ क्रिकेट खेलना चाहता है और कुछ नहीं। कुछ साल पहले वह डोरेमॉन से प्यार करता था, अब नहीं। अब वह सिर्फ हमरा बिटुवा नहीं पूरा बिहार का बिटुवा है,” संजीव ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से कहा।

वैभव के नाम है कई रिकॉर्ड

बाएं हाथ के बल्लेबाज़ वैभव सूर्यवंशी के नाम कई रिकॉर्ड हैं। इसी वर्ष अक्टूबर में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया अंडर 19 के विरुद्ध चेन्नई में 62 गेंदों पर 104 रन बनाये और यूथ क्रिकेट में अन्तर्राष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। तब वैभव की आयु 13 वर्ष 187 दिन थी।

इससे पहले यह रिकॉर्ड बांग्लादेश के मौजूदा कप्तान नजमुल हुसैन शान्तो के नाम था जिन्होंने 14 वर्ष और 241 दिन की आयु में यह कारनामा किया था। 58 गेंदों पर आया वैभव का यह शतक मोईन अली के 56 गेंद वाले शतक के बाद यूथ टेस्ट क्रिकेट में विश्व का दूसरा सबसे तेज़ शतक था।

23 नवंबर 2024 को आठवीं के छात्र वैभव सूर्यवंशी 13 वर्ष, 288 दिन की आयु में बिहार बनाम राजस्थान मैच में सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफी में खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। साल की शुरुआत में वैभव ने मुंबई के विरुद्ध अपना पहला प्रथम रणजी ट्रॉफी मैच खेला।

5 जनवरी 2024 को 12 वर्ष और 284 दिन के वैभव 1934 में शुरू हुए रणजी ट्रॉफी इतिहास के चौथे सबसे कमसिन खिलाड़ी बने। पटना के मोइनुल हक़ स्टेडियम में हुए इस मैच में वैभव ने 19 और 12 के स्कोर बनाए थे।

तेंदुलकर, युवराज को भी पीछे छोड़ा

सबसे कम आयु में रणजी खेलने वाले खिलाड़ियों की सूची में वैभव से आगे केवल 3 खिलाड़ी हैं। ये खिलाड़ी राजपुताना के अलीमुद्दीन, बिहार के एस.के. बॉस और उत्तरी भारत टीम के मोहम्मद रमज़ान हैं। साल 1960 के बाद से वैभव रणजी में खेलने वाले सबसे युवा क्रिकेटर हैं। इस मामले में उन्होंने सचिन तेंदुलकर (15 साल 230 दिन) और युवराज सिंह (15 साल 57 दिन) जैसे दिग्गजों को भी पीछे छोड़ दिया है।

सीनियर क्रिकेट के रिकॉर्ड की बात करें तो वैभव ने 5 प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 100 रन बनाये है जिसमें 41 उनका सर्वाधिक स्कोर है। लाल गेंद के क्रिकेट में वैभव के पास सीनियर स्तर पर अभी ज्यादा अनुभव नहीं है। ऐसे में आईपीएल में उनके लिए इतनी बड़ी बोली लगना साधारण घटना नहीं है।

23 नवंबर को बिहार के इस खब्बू बल्लेबाज़ ने राजस्थान के विरुद्ध टी20 में अपना डेब्यू किया जिसमें उन्होंने अनुभवी गेंदबाज़ अनिकेत चौधरी की गेंदों पर दो छक्के लगाए। हालांकि इसके बाद 13 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर वैभव को दीपक चाहर ने अपना शिकार बना लिया।

इस मैच के बाद वैभव भारतीय अंडर 19 दल के साथ एशिया कप खेलने दुबई रवाना हो गए। 30 नवंबर को भारत अंडर 19 का मुकाबला पाकिस्तान अंडर 19 से होगा। यह मैच दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला जाएगा।

vaibhav will be seen playing for rajasthan royals for the next three ipl seasons

वैभव की सफलता बिहार के लिए महत्वपूर्ण

वैभव की यह सफलता बिहार क्रिकेट के लिए कितनी बड़ी है, यह जानने के लिए हमने इंडियन एक्सप्रेस के खेल पत्रकार प्रत्युष राज से बात की। उन्होंने बताया कि एनसीए प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण, वैभव से काफी प्रभावित हैं। 2024 में अंडर 19 विश्व कप में ही वैभव को ले जाने की तैयारी थी लेकिन आईसीसी अंडर 19 विश्व कप में खेलने के लिए खिलाड़ी की आयु कम से कम 13 वर्ष की होना चाहिए जबकि वैभव की आयु 12 वर्ष और कुछ महीने थी।

आगे उन्होंने बताया कि चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर 19 के विरुद्ध 58 गेंदों पर शतक जड़ने के बाद वैभव को तमिलनाडु के लिए खेलने का प्रस्ताव मिला था। वह दिल्ली और राजस्थान रॉयल्स के ट्रायल में गए थे, यही कारण था कि नीलामी में दोनों फ्रैंचाइज़ उन्हें खरीदना चाहते थे।

“राजस्थान रॉयल्स एक ऐसी टीम है जो युवा खिलाड़ियों को हमेशा समर्थन देती है, चाहे वो संजू सैमसन हो, यशस्वी जायसवाल हो, ध्रुव जुरेल या रियान प्राग हो, वैभव सही फ्रैंचाइज़ में गए हैं। यह बिहार के लिए बहुत बड़ी चीज़ है। वैभव जहां के हैं वहीं से अनुकूल रॉय भी आते हैं, वह भी आईएपीएल खेले हुए हैं,” प्रत्युष राज ने ‘मैं मीडिया’ से कहा।

“क्योंकि वैभव बिहार के लिए खेलते हैं इसलिए उन्हें रणजी के दो सीज़न में 5-5 शतक लगाने होंगे, भारतीय सीनियर टीम में आने के लिए। अभी लंबा सफर तय करना है लेकिन वह अभी सही हाथों में हैं। एनसीए में लक्ष्मण उन्हें मॉनिटर करते हैं और अब वैभव राजस्थान रॉयल्स में राहुल द्रविड़ के अंडर रहेंगे,” प्रत्युष ने आगे कहा।

कोच बोले, अभी खुद को प्रूव करना बाकी है

वैभव के पिता उसे समस्तीपुर से पटना के जेनेक्स अकादमी ले जाकर प्रैक्टिस कराते थे। बिहार, झारखंड और ईस्ट ज़ोन के लिए प्रथम श्रेणी व लिस्ट ए क्रिकेट खेल चुके मनीष ओझा इस क्रिकेट अकादमी को चलाते हैं। मनीष ने 2018-2019 से वैभव को प्रशिक्षण देना शुरू किया। संजीव सूर्यवंशी अपने बेटे वैभव को लेकर सप्ताह में तीन दिन समस्तीपुर से पटना जाते थे जहां वैभव ने मनीष ओझा की देख रेख में क्रिकेट की बारीकियों को सीखा।

“पहली बार वह 2019 के शुरुआत में हमारी ट्रेनिंग के लिए आया था। वैभव बाएं हाथ का बल्लेबाज़ है, जब छोटा था तो उसको थोड़ा बहुत बेसिक आता था और उसकी बल्लेबाज़ी बहुत खूबसूरत दिखती थी। उसमें प्रतिभा दिखती थी, बॉल को टाइम करना हो गया, स्ट्रोक एग्ज़ीक्यूशन हो गया और कई सारे तकनीकी पैरामीटर हैं, वो सब देख कर लगता था कि बच्चे में काफी प्रतिभा है,” मनीष ओझा ने ‘मैं मीडिया’ से बताया।

आगे उन्होंने कहा, “बहुत ख़ुशी महसूस होती है कि मैंने जिसको ट्रेन किया वह इस स्तर पर जाकर इतना अच्छा करता है। लेकिन यह बस शुरुआत है, जूनियर में उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन सीनियर क्रिकेट में उन्हें अभी खुद को प्रूव करना बाकी है।”

ब्रायन लारा हैं वैभव के आदर्श बल्लेबाज़

वैभव सूर्यवंशी वैस्टइंडीज़ के महान बल्लेबाज़ ब्रायन लारा को अपना आदर्श मानते हैं। उनके जन्म से वर्षों पहले ब्रायन लारा ने क्रिकेट से सन्यास ले लिया था लेकिन वैभव आज भी लारा के पुराने वीडियो देख बल्लेबाज़ी के गुर सीखते रहते हैं।

“वैभव के पास मौक़ा है कि वह अपने गेम को अपग्रेड कर अपने आदर्श ब्रायन लारा के बराबर जा सके, सौरव गांगुली और युवराज सिंह की तरह खेल सके। उसकी आयु के हिसाब से स्तर बहुत बड़ा है लेकिन आशा है कि राजस्थान रॉयल्स में राहुल द्रविड़ वैभव की ग्रूमिंग करेंगे और वैभव बल्लेबाज़ी में अपनी कमियों को दूर करेगा,” वैभव के कोच मनीष ओझा ने कहा।

वह आगे कहते हैं, “क्रिकेट और बाकी खेल में जो हम पिछड़े हुए हैं तो ऐसा ही छोटा छोटा मोटिवेशन लोगों को घर से निकाल कर ग्राउंड तक ले आता है। कभी वैभव, ब्रायन लारा को देख कर मैदान में गया होगा क्योंकि (वह) उसके पसंदीदा प्लेयर हैं। जिन बच्चों ने वैभव की बल्लेबाज़ी देखी होगी वह वैभव को अपना रोल मॉडल समझ रहे होंगे कि वो भी मैदान में आएं और वैभव की तरह सफलता हासिल करें।”

आगे है एशिया कप की चुनौती

वैभव, पिछले एक साल में बीसीसीआई द्वारा प्रमाणित कई टूर्नामेंट खेल चुके हैं। वह बिहार अंडर 19, इंडिया बी अंडर 19, इंडिया अंडर 19, बिहार अंडर 23 और बिहार सीनियर टीम के लिए खेले। इसी दौरान वैभव ने ऑस्ट्रेलिया अंडर 19 के विरुद्ध चेन्नई में 58 गेंदों पर शतक ठोका। समस्तीपुर के इस क्रिकेटर को एनसीए कैंप में कई बार पूर्व भारतीय खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण से सीखने का अवसर मिला है।

जब आईपीएल नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को खरीदा तो वह इंडिया अंडर 19 टीम के साथ एक मीटिंग में थे। 29 नवंबर से संयुक्त अरब अमीरात में अंडर 19 एशिया कप की शुरुआत हो रही है। वैभव के लिए यह टूर्नामेंट काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। भारत का पहला मैच 30 नवंबर को दुबई में पाकिस्तान से होगा जिसके बाद भारत का मुकाबला 2 दिसंबर को जापान और 4 दिसंबर को संयुक्त अरब अमीरात के विरुद्ध होगा।

“उसकी तैयारी पूरी है और मुझे लगता है वह आगामी एशिया कप में बहुत सफलता प्राप्त करेगा। वैभव का पहला कैंप चंडीगढ़ में लगा फिर वह बेंगलुरु में एनसीए में रहा। वहां लक्ष्मण द्वारा उन्हें बहुत अच्छे से गाइड किया गया है,” वैभव के कोच मनीष बोले।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

चचरी के सहारे सहरसा का हाटी घाट – ‘हमको लगता है विधायक मर गया है’

अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस पर प्रदर्शन – सिर्फ 400 रुपया पेंशन में क्या होगा?

फिजिकल टेस्ट की तैयारी छोड़ कांस्टेबल अभ्यर्थी क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन?

बिहार में पैक्स अपनी ज़िम्मेदारियों को निभा पाने में कितना सफल है?

अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ती किशनगंज की रमज़ान नदी